चीन की CPEC परियोजना का पाकिस्तानी लोगों को नहीं हुआ कोई फायदा

Saturday, Nov 19, 2022 - 03:40 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्‍तान और चीन के गठजोड़ से पाकिस्तानी जनता को और अर्थव्‍यवस्‍था को कोई फायदा नहीं हुआ है।  अमेरिकी न्‍यूज वेबसाइट ने ग्‍वादर पोर्ट को लेकर चाइना प्रोजेक्‍ट के नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि इस पोर्ट का वहां के स्‍थानीय लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ।  रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने पाकिस्‍तान और इस क्षेत्र के विकास के साथ यहां के स्‍थानीय लोगों के फायदे के नाम पर इस प्रोजेक्‍ट को अपने हाथों में लिया था। लेकिन इसकी सच्‍चाई इससे बि‍ल्‍कुल विपरीत है। पिछले कुछ दिनों में यहां   होने वाले विरोध प्रदर्शन काफी बढ़ चुके हैं।

 

 ग्‍वादर में स्‍थानीय मछुआरों को मछली पकड़ने से रोक दिया गया है जिस कारण हजारों मछुआरों और इस कारोबार से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।गौरतलब है कि पिछले करीब 7 वर्षों से भी अधिक समय से ग्‍वादर पोर्ट को चीन से मिले धन से विकसित किया जा रहा है। इसके बावजूद यहां पर रहने वाले लोगों को इसका अब तक कोई फायदा मिलता दिखाई नहीं दिया है। न ही इस प्रोजेक्‍ट से इनका जीवन स्‍तर बेहतर ही हुआ है। ग्‍वादर के सोशल एक्टिविस्‍ट नासिर रहीम सुहराबी का कहना है कि पिछले करीब 20 वर्षों से ग्‍वादर की यंग जनरेशन यही सपना संजोकर बड़ी हुई है कि चीन की मदद से यहां का काया पलट हो जाएगा। लोगों को लगता था कि चीन की मदद से ये पूरा क्षेत्र भविष्‍य में सिंगापुर और दुबई के मुकाबले का हो जाएगा  लेकिन अब ये उम्‍मीदें धीरे-धीरे खत्‍म हो रही हैं।

 
सुहराबी ने बताया कि ये पूरा इलाका सिक्‍योरिटी जोन के तहत आता है। स्‍थानीय लोगों को यहां पर आने की मनाही है। बंदरगाह के पूरे इलाके में जबरदस्‍त सिक्‍योरिटी रहती है। यहां पर जाने वालों को कई सुरक्षा चक्रों से होकर गुजरना पड़ता है। यहां का एक मिनी फिश पोर्ट भी ग्‍वादर पोर्ट का ही हिस्‍सा है। लेकिन, यहां के स्‍थानीय मछुआरे अब यहां पर मछली नहीं पकड़ पाते हैं। इन्‍हें इसकी इजाजत नहीं है। जिन्‍हें इसकी इजाजत है भी तो उन्‍हें कई तरह के सिक्‍योरिटी प्रोटोकाल से होकर गुजरना पड़ता है। इस वजह से यहां पर हाल के कुछ समय में विरोध प्रदर्शन भी बढ़े हैं।

Tanuja

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