ISRO की सफलता पर चीन हैरान, बांधें तारीफों के पुल

Monday, Feb 20, 2017 - 05:53 PM (IST)

बीजिंग: भारत द्वारा अंतरिक्ष में एक साथ 104 उपग्रह छोड़े जाने के बाद चीन को भी भारत की तारीफ करने के लिए मजबूर होना पड़ा। चीनी अधिकारियों का कहना है कि उपग्रह प्रक्षेपण प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के मामले में भारत ने चीन से अच्छा काम किया है और इसके कारण बीजिंग दुनिया के छोटे उपग्रह बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने रॉकेट प्रक्षेपणों का व्यवसायीकरण तेज करने के लिए प्रेरित हो सकता है।

शंघाई इंजीनियरिंग सेंटर फॉर माइक्रोसेटेलाइट्स के निदेशक झांग योंघे ने कहा,‘‘व्यवसायिक अंतरिक्ष के बढ़ते बाजार के लिए चल रही वैश्विक दौड़ में देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता के बीच, इस प्रक्षेपण ने दिखा दिया है कि भारत अंतरिक्ष में कम खर्च में व्यवसायिक उपग्रह भेज सकता है।’’  

चीन के सरकारी मीडिया ने ‘भारतीय उपग्रह प्रक्षेपण ने तेज की अंतरिक्षीय दौड़’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में चीनी अधिकारियों के हवाले से कहा कि भारत की सफलता के बाद चीन अपने रॉकेट प्रक्षेपणों के व्यवसायीकरण को तेज कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि झांग का मानना है कि भारत ने अपनी प्रक्षेपण सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय तौर पर बढ़ावा देने में चीन से अच्छा काम किया है।  

चीन से पहले भारत के मंगल पर पहुंच जाने की बात को रेखांकित करने के साथ-साथ झांग ने पिछले सप्ताह भारत द्वारा एक ही रॉकेट के जरिए 104 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर देने की सराहना की।झांग ने कहा,‘‘विश्व में फैलते छोटे उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए चीन अपने रॉकेट प्रक्षेपणों का व्यवसायीकरण तेज कर सकता है।’’ग्लोबल टाईम्स ने कहा,‘‘बुधवार का प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की हालिया जीत है।’’ 

​​​​​​​गौरतलब है कि चीनी अखबार ने पहले अपने लेख में लिखा था कि 104 सैटेलाइट लांच करना भारत के लिए बड़ी उपलब्धि तो है लेकिन स्पेस के क्षेत्र में भारत अभी भी अमरीका और चीन से काफी पीछे है।लेख में कहा गया है कि स्पेस के क्षेत्र में कामयाबी सिर्फ नंबर के आधार पर नहीं होती है,लेख में कहा गया कि अभी तक भारत की ओर से स्पेस स्टेशन के लिए कोई भी प्लान नहीं है तो वहीं मौजूदा समय में भारत का कोई भी एस्ट्रोनॉड अंतरिक्ष में नहीं है।

Advertising