चीन अब बांग्लादेश को अपने जाल में फंसाने की फिराक में ! PM हसीना को आधिकारिक यात्रा पर किया आमंत्रित

Tuesday, Jan 30, 2024 - 11:58 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों को अपने ऋण जाल में फंसाने वाले चीन की गिद्ध दृष्टि लगता है अब बांग्लादेश  पर टिकी है। चीन ने बांग्लादेश के साथ सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के बहाने से प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश की आधिकारिक यात्रा पर आमंत्रित किया है। लोकिन बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने देश में चीन के राजदूत याओ वेन से रविवार को मुलाकात करने के बाद कहा, ‘‘हम (ढाका) यात्रा के लिए उचित समय पर निर्णय लेंगे।'' हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग के लगातार चौथी बार आम चुनाव में जीत हासिल करने के बाद वेन ने महमूद से मुलाकात की।

 

मुख्य विपक्षी दल ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी' (BNP) ने सात जनवरी को हुए चुनाव का बहिष्कार किया था। महमूद ने कहा कि प्रधानमंत्री की बीजिंग यात्रा के लिए परस्पर रूप से सुविधाजनक तारीख चुनने के लिए बातचीत की गयी। प्रधानमंत्री हसीना ने 1-6 जुलाई, 2019 को चीन की आधिकारिक यात्रा की थी। उन्होंने डालियान में 13वें समर दावोस फोरम में भी भाग लिया था। उन्होंने उस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी  जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस बीच, विदेश मंत्रालय ने महमूद और वेन के बीच मुलाकात के बाद एक बयान में कहा, ‘‘चीन ने बांग्लादेश में नयी सरकार के कार्यकाल के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की अपनी इच्छा दोहराई है।'' सात जनवरी को हुए चुनाव के तुरंत बाद चीन के राष्ट्रपति शी ने हसीना को बधाई दी और द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने का विश्वास जताया था।

 

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि चीन चाहता था कि हसीना पिछले साल सितंबर में बीजिंग की यात्रा करें लेकिन उस समय चुनाव और अन्य कार्यक्रमों के कारण वह यात्रा नहीं कर पायीं। चीन ने यह निमंत्रण तब दिया है जब सत्तारूढ़ पार्टी के महासचिव और सड़क परिवहन मंत्री उबैदुल कादिर ने कहा कि बीएनपी ने चुनाव को विफल करने की कोशिश की तो भारत, बांग्लादेश के साथ खड़ा था। कादिर ने ढाका में भारत के उच्चायुक्त प्रणय कुमार वर्मा से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘भारत के साथ हमारे संबंधों में तनाव आने की कोई वजह नहीं है।'' विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि ढाका, भारत और चीन दोनों के साथ रिश्ते में संतुलन बनाए रखेगा क्योंकि ‘‘हमें अपनी स्थिरता और विकास के लिए दोनों की आवश्यकता है।''  

Tanuja

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