Earthquake: भूकंप की डरावनी भविष्यवाणी! यहां उठेगा भूचाल का तूफान, स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Thursday, Apr 17, 2025 - 10:17 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: इन दिनों पूरी दुनिया में भूकंप की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। कभी जापान तो कभी म्यांमार में धरती कांप रही है। अब जो जानकारी सामने आई है वह और भी खतरनाक है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में चीन और हिमालय क्षेत्र में 8.0 तीव्रता तक के भूकंप आ सकते हैं। इसका सीधा असर भारत, नेपाल और भूटान जैसे देशों पर पड़ सकता है।
वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
बीजिंग भूकंप एजेंसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक झू होंगबिन और उनकी टीम ने 150 वर्षों के भूकंपीय आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इस रिसर्च के अनुसार, कुछ खास क्षेत्रों में बड़े भूकंप की संभावना है। यह शोध 20 मार्च 2025 को “Journal of Geodesy and Geodynamics” में प्रकाशित हुआ है। इसमें साल 1879 से 2024 तक के 6 बड़े भूकंपीय चरणों की पहचान की गई है।
भूकंप का अनदेखा कारण – पृथ्वी की घूर्णन गति!
वैज्ञानिकों ने एक नई वजह सामने रखी है जिसे पहले ज्यादा महत्व नहीं दिया गया था। वह है - LOD (Length of Day) यानी पृथ्वी के घूमने का समय।
यह समय कुछ माइक्रोसेकंड तक घटता-बढ़ता रहता है और वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका सीधा असर पृथ्वी के भीतर मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स के तनाव पर होता है।
जब LOD में बदलाव आता है तो धरती के भीतर का दबाव असंतुलित हो सकता है जिससे बड़े भूकंप आ सकते हैं।
खतरे में ये क्षेत्र
रिसर्च में जिन तीन प्रमुख इलाकों को सबसे अधिक संवेदनशील बताया गया है, वे हैं:
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सिचुआन प्रांत (चीन) – 2008 में यहां 8.0 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था
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युन्नान प्रांत (चीन) – लगातार हल्के झटके आते रहते हैं
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हिमालय बेल्ट (भारत, नेपाल, भूटान) – जहां भूकंप की संभावना बेहद ज्यादा है
विशेषज्ञों ने चेताया है कि लोंगमेंशन फॉल्ट पर दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे भविष्य में बड़ा भूकंप संभव है।
भारत के लिए क्यों है खतरे की घंटी?
भारत के उत्तर और उत्तर-पूर्वी राज्य जैसे- उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और नेपाल सीमा भूकंप के जोन-5 में आते हैं यानी ये सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाकों में से हैं।
यदि चीन या हिमालय क्षेत्र में भूकंप आता है तो उसका सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा। यहां तक कि कुछ बड़े शहरों में भी नुकसान की आशंका हो सकती है।
क्या भारत तैयार है इतनी बड़ी आपदा से?
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अब अपनी इमारतों की मजबूती और आपदा प्रबंधन व्यवस्था को आधुनिक बनाना चाहिए।
सरकार को चाहिए कि वह AI आधारित मॉडलिंग, डेटा एनालिटिक्स, और सेंसर नेटवर्क जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करे ताकि संभावित भूकंप से पहले अलर्ट मिल सके।
क्या धरती एक सुपर सिस्मिक फेज में जा रही है?
कुछ भूगर्भ वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती हर कुछ वर्षों में एक Super Seismic Phase में प्रवेश करती है, जब दुनिया भर में एक के बाद एक बड़े भूकंप आते हैं।
जैसे:
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2004 – इंडोनेशिया, 9.1 तीव्रता
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2010 – हाइती, 7.0 तीव्रता
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2011 – जापान, 9.0 तीव्रता
अब वही पैटर्न चीन, म्यांमार, नेपाल और भारत जैसे देशों में देखने को मिल रहा है।