चीन सैन्य तकनीक में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के क्लब में शामिल

Monday, May 06, 2019 - 09:54 AM (IST)

 

बीजिंगः पेंटागन की एक रिपोर्ट में बताया गया कि सैन्य तकनीक के मामले में 6 दशक के बाद चीन भी अब एटमी बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां रखने वाले अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के क्लब में शामिल हो गया । पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के दक्षिणी तट पर बड़े पैमाने पर ऐसी पनडुब्बियों को तैनात किया गया है। सैटेलाइट तस्वीरों से यह पता चलता है कि चीन ने परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइलों को सनाया के पास रणनीतिक बेस पर नियमित तौर पर तैनात किया है।

इन पनडुब्बियों की सुरक्षा के लिए कई युद्धपोत और विमान भी तैनात किए गए हैं। अमेरिका का कहना है कि इन पनडुब्बियों से चीन एशिया में उसके दबदबे को कम करने की कोशिश कर रहा है। इस बेस पर ऐसी सुविधाएं विकसित की गई हैं ताकि बैलिस्टिक मिसाइलों को जमा किया जा सके और उन्हें लोड किया जा सके। जापान और ताइवान के साथ चीन के संबंधों में तनाव का कारण बने दक्षिण चीन सागर के पास स्थित इस द्वीप में कई जगहों पर एंटीना लगे दिखते हैं, जो दूसरे देशों की पनडुब्बियों के बारे में पता लगाने का काम करते हैं।

बताया गया है कि यहां एक वरिष्ठ पनडुब्बी कर्मचारी को भी तैनात किया गया है, जिसे चीन की सेनाओं को कमांड करेगा। राजनयिकों और पूर्व नौसेना अधिकारियों का कहना है कि इसका अर्थ यह है कि चीन के पास अब मारक पनडुब्बी मिसाइलें हैं, और वह गश्त पर हैं। पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की हर पनडुब्बी में 12 मिसाइलों को रखा जा सकता है। ये मिसाइलें 7,200 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम हैं। इस तरह अब अमेरिका भी समुद्र में तैनात इन बैलिस्टिक मिसाइलों की जद में होगा। वहीं वॉशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक ये चीनी मिसाइलें 8,000 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं।

Tanuja

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