उइगुर मुसलमानों को लेकर चीन ने दिया स्पष्टीकरण

Tuesday, Aug 14, 2018 - 05:49 PM (IST)

बीजिंगः चीन ने 10 लाख उइगुर मुसलमानों को हिरासत शिविरों में रखने के आरोपों  को खारिज करते हुए  कहा कि देश में सभी जातीय समूहों से समान व्यवहार किया जाता है. चीन के एक अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति से कहा कि चरमपंथ और आतंकवाद से लड़ने के लिए उसके शिनजियांग क्षेत्र में कड़े सुरक्षा कदमों की आवश्यकता है, लेकिन इनके जरिए किसी विशिष्ट जातीय समूह को निशाना नहीं बनाया जाता या धार्मिक स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं किया जाता। 

जिनेवा स्थित समिति के समक्ष शुक्रवार को समिति के 18 सदस्यों में से एक गेय मैक्डुगल ने ऐसी ‘अनेक और ठोस खबरों’ पर गंभीर चिंता जताई कि चीन ने क्षेत्र को एक ऐसा स्थान बना दिया है जो ‘किसी बड़े हिरासत शिविर से मिलता-जुलता है।उन्होंने विभिन्न समूहों से मिली उन खबरों का हवाला दिया जिनमें कहा गया है कि चीन के शिनजियांग में 10 लाख मुस्लिम उइगुरों को चरमपंथ रोधी केंद्रों में रखा गया है, वहीं अन्य 20 लाख को ‘राजनीतिक और सांस्कृतिक शिक्षण’ के लिए पुनर्शिक्षा केंद्रों में जाने को विवश किया गया है। 

सोमवार को समिति के समक्ष सवालों का जवाब देने पहुंचे चीन के लगभग 50 उच्चाधिकारियों में शामिल मा ने कहा कि यह बात पूरी तरह झूठी है कि इतनी बड़ी संख्या में उइगुरों को हिरासत और पुनर्शिक्षा केंद्रों में रखा गया है। चीनी अधिकारी सबूतों और हिरासत में रह चुके लोगों की गवाही के बावजूद लंबे समय से ऐसे शिविरों के अस्तित्व में होने की खबरों से इंकार करते रहे हैं। मा ने मैक्डुगल के इस दावे को भी खारिज किया कि क्षेत्र को ‘अधिकार रहित क्षेत्र’ में तब्दील कर दिया गया है।  उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह तथ्यों के विपरीत है।  उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि किसी खास जातीय समूह को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है या फिर उइगुर लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता का दमन या इसे प्रतिबंधित किया जा रहा है। 

Tanuja

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