चीन ने किया कर्मचारियों को देर से सेवानिवृत्ति देने का फैसला, मजबूरी में उठाया ये कदम

Monday, Mar 28, 2022 - 05:23 PM (IST)

बीजिंग: चीन में ‘एक बच्चा नीति’ के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। अपनी बूढ़ी होती आबादी को लेकर चीन की नींद हराम हो गई है। चीन ने सरकारी खजाने पर पेंशन के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने 1 मार्च से सरकारी कर्मचारियों के लिए विलंबित सेवानिवृत्ति लागू की है। 

 

चीन की ओर से लिया गया यह फैसला 30 दिसंबर को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की स्टेट काउंसिल की ओर से जारी बुजुर्ग देखभाल सेवा प्रणाली के लिए 14वीं पंचवर्षीय योजना के तहत आया है। चीन के विशेषज्ञ और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी के प्रोफेसर फेंग चोंगई ने एपोक टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि इस फैसले की वजह यह है कि स्थानीय सरकारें आर्थिक समस्याओं का सामना कर रही हैं। इस नीति पर 2013 से काम हो रहा था मगर जबर्दस्त विरोध की वजह से इसका कार्यान्वयन टलता रहा। 

 

फेंग के अनुसार परिवार नियोजन की क्रूर ‘एक बच्चे नीति’ ने जनसंख्या को प्रभावित किया। इसकी वजह से न केवल महिला-पुरुष के लिंग अनुपात में असंतुलन पैदा हुआ बल्कि इससे देश का श्रम बल बुरी तरह प्रभावित हुआ और चीन में तेजी से समाज बूढ़ा होने लगा। उन्होंने कहा, CCP की नई नीति से भी समस्या ही पैदा होगी क्योंकि हर साल लाखों की संख्या में युवा स्नातक हो रहे हैं मगर उनके पास नौकरी के अवसर नहीं होंगे क्योंकि लोग देर से सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में बेरोजगारी बढ़ेगी। 
एक ताइवानी अर्थशास्त्री वू जियालॉन्ग ने कहा, CCP के लिए विलंबित सेवानिवृत्ति आर्थिक बोझ से बचने का अंतिम हथियार था। उन्होंने इसके साथ ही आशंका जताई कि भविष्य में आर्थिक दबाव के कारण विद्रोह भी हो सकता है। 

 
 

Tanuja

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