मसूद अजहर को लेकर चीन ने दी सफाई!

Wednesday, Feb 08, 2017 - 06:38 PM (IST)

बीजिंग:चीन ने आज पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड एवं जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के अमरीकी प्रस्ताव को रोकने के अपने फैसले का बचाव किया।चीन ने कहा कि इस संबंध में ‘मापदंडों’ को पूरा नहीं किया गया था।


चीन ने मीडिया से कही ये बात
अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास को चीन द्वारा तीसरी बार रोके जाने से संबंधित सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने मीडिया से कहा कि बीजिंग ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि ‘‘संबद्ध पक्ष’ आम सहमति पर पहुंच सकें।लू ने कहा,‘‘पिछले साल संरा सुरक्षा परिषद की 1,267 समिति ने मसूद को प्रतिबंध की सूची में डालने के मुद्दे पर चर्चा की थी।लेकिन इस पर अलग-अलग किस्म के विचार सामने आए और अंत में कोई आम सहमति नहीं बनी।’’उन्होंने कहा,‘‘उसे प्रतिबंधित सूची में शामिल करने पर संबद्ध देशों ने जो पक्ष रखा है उसके आधार पर हम कह सकते हैं कि समिति के लिए फैसले पर पहुंचने के लिए मानदंड अभी भी पूरे नहीं हुए हैं।’’उन्होंने कहा,‘‘चीन ने इस अनुरोध पर तकनीकी रोक लगाई है ताकि संबद्ध पक्षों को एक दूसरे के साथ इस पर विचार-विमर्श करने का और समय मिल सके।यह सुरक्षा परिषद के संबंधित संकल्पों और समिति की चर्चाओं के नियमों के अनुकूल है।’’


भारत-चीन संबंधों पर नहीं पड़ेगा कोई नकारात्मक असर 
जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के लिए पिछले साल भारत ने प्रयास किए थे लेकिन उस पर प्रतिबंध लगाने की कवायद इस बार इसलिए अह्म है क्योंकि अब इसका दबाव अमरीका बना रहा है,जब इस बारे में पूछा गया तो लू ने कहा,‘‘मैं यह बताना चाहता हूं कि समिति में चर्चा के अपने नियम-कायदे हैं।’’  उन्होंने कहा,‘‘इसका अनुरोध चाहे जो करे लेकिन हमारा मानना है कि समिति के सभी सदस्य सुरक्षा परिषद के नियमों और संबद्धताओं के अनुरूप ही कदम उठाएंगे।’’उनसे पूछा गया कि क्या इसका भारत-चीन संबंधों पर असर पड़ेगा तो उन्होंने कहा इस मुद्दे पर नई दिल्ली और बीजिंग अपने विचार साझा कर चुके हैं।उन्होंने कहा,‘‘हमें उम्मीद है कि इसका हमारे संबंधों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।’’


इस आरोप पर कि चीन इस कदम को पाकिस्तान के कहने पर रोक रहा है,लू ने कहा,‘‘सुरक्षा परिषद में चीन द्वारा उठाया गया कदम और इसकी संबद्धताएं नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप ही हैं।’’उन्होंने कहा,‘‘भारत के साथ कई दौरों के विचार-विमर्श के बाद ही हमने तकनीकी रोक लगाई थी।हम उम्मीद करते हैं कि संबद्ध पक्षों के पास फैसले पर पहुंचने से पहले एक दूसरे के साथ विचार विमर्श करने का पर्याप्त समय होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि व्यापक अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का प्रतिनिधित्व करने वाली समिति जिस फैसले पर पहुंचे वह सर्वसम्मति से लिया गया हो।’’अमरीका द्वारा आगे बढ़ाए गए इस प्रस्ताव पर चीन ने रोक लगा रखी है। इससे कुछ ही हफ्तों पहले गत दिसंबर माह में भारत ने अजहर को संरा की प्रतिबंध की सूची में शामिल करवाने की कोशिश की थी जिस पर बीजिंग ने पानी फेर दिया था।जिसके बाद भारत ने इस मुद्दे को चीन की सरकार के समक्ष उठाया था।’’लू से पूछा गया कि लगातार दो साल से लंबित अजहर पर प्रतिबंध के मुद्दे का हल क्या इस साल निकल पाएगा, तो उन्होंने कहा,‘‘सवाल इसका नहीं है कि कितना समय लगेगा, फैसला तो होना ही है बस मामला यह है कि हम इस पर सर्वसम्मति के आधार पर पहुंच पाते हैं या नहीं।’’

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