चीन को आंतकियों के मामले में नहीं पाकिस्तान पर भरोसा, "जर्ब-ए-अज्ब"अभियान का दिया आदेश
punjabkesari.in Thursday, May 30, 2024 - 11:46 AM (IST)
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आंतकी हमले में मारे गए अपने नागरिकों को लेकर चीन खफा है और लगातार पाक सरकार पर सख्त एक्शन का दबाव डाल रहा है। चीन को भरोसा नहीं है कि पाकिस्तान आंतिकयों के खिलाफ कुछ खास कदम उठा पाएगा इसलिए वो चाहता है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों को खत्म करने के लिए विशेष मिलिट्री ऑपरेशन चलाए। चीन ने पाकिस्तान को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और दूसरे आतंकवादी गुटों को पूरी खत्म के लिए जर्ब-ए-अज्ब जैसा ऑपरेशन शुरू करने के लिए कहा है। दरअसल. चीन और पाकिस्तान के बीच कई साझा प्रोजेक्ट चल रहे हैं। चीन ने पाकिस्तान को भारी कर्ज दिया हो तो पीओके से बलूचिस्तान तक कई प्रोजेक्ट पर भी वह काम कर रहा है। इस सबके बीच अपने कामगारों की सुरक्षा चीन के लिए अहम मुद्दा बनी हुई है।
एक रिपोर्ट के अनुसार प्लानिंग मिनिस्ट्री के सूत्रों ने बताया कि बीजिंग ने इस्लामाबाद को विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार करने, आईपीपी के स्पष्ट भुगतान, पायलट आधार पर चरणबद्ध तरीके से एमएल-1 लॉन्च और चीनी वित्तीय संस्थानों की चिंताओं को हल करने के साथ ही बलूचिस्तान में एक और सैन्य ऑपरेशन के लिए कहा है। चीन बीते कुछ समय में पाकिस्तान में अपने कामगारों पर हुए हमलों को लेकर चिंता में है। चीन ने बीते कुछ समय में बार बार इस मामले को पाकिस्तान के सामने उठाया है। पाकिस्तान की ओर से चीन को सुरक्षा का भरोसा दिया गया है लेकिन वह इससे संतुष्ट होता नहीं दिख रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पाक प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ की बीजिंग की प्रस्तावित यात्रा से कुछ सप्ताह पहले इन मांगों से इस्लामाबाद को अवगत कराया।
चीनी उप विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी मंत्री और अफसरों के साथ बैठक में कहा कि चीन अफगान अधिकारियों से भी समावेशी सरकार द्वारा शासन में सुधार करने और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ आईएसआईएस, आईएस-केपी और ईटीआईएम जैसे आतंकवादी संगठनों से अफगानिस्तान में उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरे को संबोधित करने का आग्रह करता रहा है। ये संगठन कि चीन और पाकिस्तान दोनों के साझा दुश्मन हैं। पाकिस्तान को शरीफ के इस दौरे से सीपीईसी के दूसरे चरण के लिए चीन का समर्थन और बिजली परियोजनाओं के ऋणों को पुनर्निर्धारित करने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। हाल ही में पाकिस्तान के प्लानिंग मिनिस्टर विकास अहसान इकबाल ने भी इसको लेकर चीनी सरकार के विभिन्न शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत की थी।