बंद हो गई सहायता! गाजा में मां की पुकार "हम धीरे-धीरे मर रहे हैं"
punjabkesari.in Saturday, May 03, 2025 - 07:20 PM (IST)

International Desk: गाजा पट्टी में हालात बद से बदतर हो गए हैं। इजराइल द्वारा मानवीय सहायता पर लगाई गई रोक के चलते वहां भुखमरी की भयावह स्थिति बन चुकी है। खान यूनिस से लेकर उत्तरी गाजा तक, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी भूख से तड़प रहे हैं। थोड़े से चावल या एक रोटी के लिए लोगों को एक-दूसरे से धक्का-मुक्की करनी पड़ रही है। शुक्रवार को दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में एक सामुदायिक रसोई पर भोजन लेने वालों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हालात ऐसे थे कि कई लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
उन्हीं में से एक थीं 33 वर्षीय निवेन अबू अरार, जो अपने बच्चों के लिए भोजन की आस में पहुंचीं लेकिन देरी के कारण कुछ भी नहीं मिल सका। उसकी आंखों में आंसू थे और उसने कहा – "हम धीरे-धीरे मर रहे हैं।" अबू अरार के आठ बच्चे हैं, जबकि उसका नौवां बच्चा 2023 में इस्राइली हमले में मारा गया था। वह कहती हैं – "डेढ़ महीने से हमने रोटी नहीं खाई है। आटा नहीं है, पैसा नहीं है, बच्चों के लिए कुछ लाने को नहीं है।"
भुखमरी के कगार पर गाजा
पिछले दो महीनों से इस्राइल ने गाजा में खाद्य सामग्री, दवाइयों और ईंधन की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों का कहना है कि इससे गाजा की लगभग पूरी आबादी भुखमरी की कगार पर पहुंच गई है। जबकि इस्राइल का दावा है कि यह कदम हमास पर दबाव बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे वह बंधकों की रिहाई पर मजबूर हो।
भूख को बना दिया हथियार
सहायता समूहों का कहना है कि भुखमरी को हथियार की तरह इस्तेमाल करना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा के गोदाम खाली हैं, सामुदायिक रसोई बंद हो रही हैं, और लोग दिन में केवल एक बार खाना खा पा रहे हैं।ऑक्सफैम की मीडिया समन्वयक गदा अल हद्दाद ने बताया कि अब 25 किलो आटे का एक बोरा 1,300 शेकेल (करीब 360 अमेरिकी डॉलर) में बिक रहा है जो एक आम व्यक्ति की पहुंच से बाहर है। कई माताएं अपने बच्चों को दिन में सिर्फ एक बार खाना दे रही हैं ताकि रात को पेट भरा हो और सुबह भूख से रोना न पड़े।