दूसरी बार भी महाभियोग से बरी हुए ट्रंप, बोले- पहले किसी भी राष्ट्रपति के साथ ऐसा नहीं हुआ बर्ताब

Sunday, Feb 14, 2021 - 09:12 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क:  अमेरिका की सीनेट ने कैपिटल (संसद भवन) में छह जनवरी को हुई हिंसा भड़काने के आरोपों से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप को बरी कर दिया गया है । ट्रंप के खिलाफ चार दिन चली सुनवाई के बाद 100 सदस्यीय सीनेट ने महाभियोग के पक्ष में 57 मत और इसके विरोध में 43 मत डाले। ट्रंप को दोषी साबित करने के लिए 10 और मतों की आवश्यकता थी।

कैपिटल हिल हिंसा के लिए लोगों को भड़काने का था आरोप 
पूर्व राष्ट्रपति पर आरोप था कि अमेरिकी कैपिटल में छह जनवरी को उनके समर्थकों ने जो हिंसा की थी उसे उन्होंने भड़काया था। रिपब्लिकन पार्टी के सात सीनेटरों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के समर्थन में मतदान किया, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए आवश्यक 67 मत हासिल नहीं कर पाई। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं। ट्रंप अमेरिकी इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग की कार्रवाई शुरू की गई है। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति है, जिन्होंने कार्यालय छोड़ने के बाद महाभियोग की कार्रवाई का सामना किया है। 

सात सीनेटरों ने महाभियोग के पक्ष में किया मतदान
रिपब्लिकन पार्टी के बिल कैसिडी, रिचर्ड बर, मिट रोमनी और सुसान कोलिन्स समेत सात सीनेटरों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान किया। ट्रंप ने उन्हें बरी किए जाने के बाद एक बयान जारी कर कहा कि किसी भी राष्ट्रपति को पहले कभी यह नहीं झेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है कि एक राजनीतिक दल को कानून के शासन को कलंकित करने, कानून प्रवर्तन का अपमान करने, भीड़ को बढ़ावा देने, दंगाइयों को माफ करने और न्याय को राजनीतिक प्रतिधोश के माध्यम के रूप में बदलने की खुली छूट दी गई। उसे उन सभी विचारों एवं लोगों के खिलाफ अभियोग चलाने, उन्हें काली सूची में डालने, रद्द करने या दबाने की अनुमति दी गई, जिनसे वे असहमत हैं।

 अमेरिकियों के अधिकारों का समर्थक करता रहूंगा: ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि मैं हमेशा कानून प्रवर्तन, कानून प्रवर्तन के नायकों और बिना द्वेष के मामलों पर शांतिपूर्ण एवं सम्माजनक तरीके से बहस करने के अमेरिकियों के अधिकारों का समर्थक रहा हूं और रहूंगा। ‘वाशिंगटन पोस्ट' ने कहा कि महाभियोग संबंधी परिणाम इस बात को रेखांकित करता है कि पार्टी पर ट्रंप की पकड़ अब भी बनी हुई है।

vasudha

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