गरीबी से लडऩे में मददगार हो सकते हैं 21वीं सदी के पुस्तकालय: अंसारी

Wednesday, Oct 26, 2016 - 07:02 PM (IST)

तेजपुर: उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज कहा कि 21वीं सदी के पुस्तकालय गरीबी से लडऩे तथा अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटने में मदद कर सकते हैं। अंसारी ने यहां तेजपुर विश्वविद्यालय में ‘ज्ञान, पुस्तकालय एवं सूचना नेटवर्किंग पर 19वें राष्ट्रीय सम्मेलन’ का उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन दिल्ली आधारित संस्था ‘डेलनेट-डेवलपिंग लाइब्रेरी नेटवर्क’ डेलनेट और तेजपुर विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से किया है।   

उप राष्ट्रपति ने कहा,‘‘डेलनेट संसाधन साझा करने वाला बड़ा पुस्तकायलय नेटवर्क है जो भारत एवं आठ अन्य देशों में 4,600 से अधिक पुस्कालयों को आपस में जोड़े हुए है। इस सम्मेलन में ‘स्मार्ट लाइब्रेरी’ और ‘इंस्पायर्ड लाइब्रेरी’ नामक विषय के आने वाले कई मुद्दों पर चर्चा होगी।’’ उन्होंने पुस्तकालय के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में डेलनेट की भूमिका भी उल्लेख किया। अंसारी ने कहा कि इंटरनेट ने न सिर्फ ज्ञान के प्रसार की गति को बढ़ाता है, बल्कि ज्ञान, निर्माण और उपयोग के बदलती परिकल्पना को भी बढ़ाता है।  

उन्होंने कहा,‘‘मैं पुस्तकों से लगाव रखने वाला व्यक्ति हूं और पुस्तकों और इनसे जुड़े मामलों से पूरी तरह अपनापन महसूस करता हूं। मैं डेलनेट की दक्षता को प्रमाणित कर सकता हूं। 1998 में भारतीय अंतरराष्ट्रीय केंद्र-पुस्कालय में परिवर्तनकारी प्रयास किए गए।’’उप राष्ट्रपति ने कहा,‘‘अब इसे हमारे संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और संस्कृति मंत्रालय का सहयोग मिल रहा है।’’ उन्होंने कहा,‘‘सोशल नेटवर्क और सोशल मीडिया लोगों के सीखने की रणनीति में अधिक महत्वपूर्ण बन गये हैं।’’ 


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