अवैध रूप से UK आने वालों पर PM सुनक  का सख्त एक्शन, नहीं मिलेंगे ये अधिकार !

Sunday, Jul 30, 2023 - 05:20 PM (IST)

लंदनः  ब्रिटिश प्रधानमंत्री  ऋषि सुनक ने अवैध प्रवासन बिल को लेकर अपनी कड़ी मंशा स्पष्ट कर दी है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि मैंने हाल ही में कानून पारित किया है जिसका सबसे पहले अर्थ यह होगा कि यदि आप अवैध रूप से ब्रिटेन  आते हैं तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सख्त शब्दों में चेतावनी दी कि पहली बात तो आप हमारे देश में अवैध तरीके से घुसपैठ नहीं कर सकते। अगर किसी तरह आ गए हैं तो अवैध प्रवासियों को समझना होगा कि वे गलत तरीके से हमारे देश में घुसे हैं इसलिए वे शरण का दावा नहीं कर सकते। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अवैध अप्रवासियों को चेतावनी दी है कि गलत तरीके से देश में प्रवेश करने वालों को जल्द ही निर्वासित करना शुरू किया जाएगा। उन्होंने  कहा कि या तो लोग सही तरह से ब्रिटेन में आना शुरू करें या फिर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।   


ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “अगर आप अवैध रूप से यहां आते हैं, तो आप शरण के लिए दावा नहीं कर सकते। आप हमारे मॉडर्न स्लेवरी प्रोटेक्शन का लाभ नहीं उठा सकते। आप मानव अधिकारों के झूठे दावे नहीं कर सकते और आप यहां नहीं रह सकते।” उन्होंने यह भी कहा कि अवैध तरीके से देश में आने वालों को देश से निकाल दिया जाएगा और उन पर यहां आने के लिए प्रतिबंध भी लगा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से ब्रिटेन में आने वालों को उनके देश या रवांडा जैसे किसी अन्य सुरक्षित देश में भेज दिया जाएगा।

 

क्या है अवैध प्रवासन बिल ?
अवैध प्रवासियों के लिए नए कानून के तहत, आंतरिक मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को अवैध रूप से प्रवेश करने वाले सभी प्रवासियों को निर्वासित करने का कानूनी कर्तव्य दिया जाएगा। प्रधानमंत्री सुनक के लिए अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता नावों को रोकना है। पिछले साल छोटी नावों पर 45,000 से अधिक प्रवासी दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के तट पर पहुंचे। 2018 के बाद से हर साल इसमें 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

  

अधिकार समूहों ने किया नए बिल का विरोध
 हालांकि अधिकार समूहों और विपक्षी दलों ने नए कानून की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह योजना कमजोर शरणार्थियों के लिए अनफेयर है। यूके पहले ही निर्वासन को लागू करने की कोशिश कर चुका है, पिछले साल कुछ शरण चाहने वालों को रवांडा में स्थानांतरित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया गया था। हालांकि, यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स के एक निषेधाज्ञा द्वारा पिछले साल जून में योजना के धरातल पर उतरने के बाद भी रवांडा के लिए कोई भी उड़ान यूके से नहीं निकली है। अधिकार समूहों का कहना है कि ये विधेयक, उनकी परिस्थितियों की परवाह किए बिना, प्रवासियों को शरणार्थी संरक्षण या मानवाधिकार दावे पेश करने से भी रोकता है।  

Tanuja

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