ब्रिटिश PM थरेसा मे पर मंडराया अविश्वास प्रस्ताव का खतरा

Wednesday, Dec 12, 2018 - 02:56 PM (IST)

लंदनः ब्रिटिश प्रधान मंत्री थेरेसा मे पर अविश्वास प्रस्ताव का खतरा मंडरा रहा है । ब्रेक्जिट मुद्दे पर घिरी थेरेसा के खिलाफ कंज़र्वेटिव पार्टी 48 सांसदों चैलेंज पत्रों के बाद इस चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।  बता दें कि थरेसा में को अपनी कुर्सी बचाने के लिए 158 वोटों की जरूरत है । अविश्वास वोटिंग के लिए पार्टी के 15 फीसदी एमपीज का लीडरशिप खिलाफ कमेटी को लिखना जरूरी था। मौजूदा समय में कंजर्वेटिव पार्टी के 315 एमपीज है। थेरेसा के खिलाफ ये अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए  48 सांसदों की ये गिनती पूरी  यानि 15 फासदी है। इसलिए थेरेसा में को प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लिए 148 एमपीज के समर्थन की जरूरत होगी । अगर इस वोटिंग में थरेसा में जीतती हैं तो  तो अगले 1 साल तक उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं किया जा सकेगा। अगले 1 साल तक उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं किया अगर उन्हें इससे कम वोट मिलते हैं तो वे खुद भी अपने पद से इस्तीफा दे सकती हैं।

ब्रेक्जिट समझौते को बचाने के लिए जी-जान से कोशिशों में जुटी  थरेसा मे मंगलवार को यूरोप के दौरे पर निकली। उन्होंने यूरोपीय यूनियन (EU) के नेताओं से मुलाकात कर ब्रिटेन के लिए कुछ और रियायतों की मांग की, जिससे कि वह समझौते का समर्थन करने के लिए अपने सांसदों को मना सकें। ब्रेक्जिट समझौते पर अपनी ही पार्टी के कुछ सांसदों के साथ ही विपक्षी दलों के विरोध को देखते हुए थरेसा ने आखिरी क्षण में समझौते को संसद में पेश करने के फैसले को टाल दिया। पहले ब्रिटिश संसद में मंगलवार को ही समझौते पर बहस के बाद वोटिंग होनी थी। थरेसा मे हॉलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट से बातचीत करने हेग गईं।

उसके बाद जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से मिलने बर्लिन पहुंचीं। वह EU के सदस्य देशों के नेताओं से उत्तरी आयरलैंड पर कुछ और रियायत चाहती हैं। हाउस ऑफ कॉमंस की नेता एंड्रिया लीड्सम ने बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि EU आखिरी क्षणों तक बातचीत करने की स्थिति में है। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लाउड जंकर, जो ब्रसेल्स में मे के साथ बातचीत करेंगे, ने कहा कि EU समझौते पर दोबारा बातचीत नहीं करेगा, लेकिन और स्पष्टीकरण के लिए गुंजाइश बनी हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो समझौता हुआ है वह श्रेष्ठ समझौता है और यही संभव समझौता भी है।

इस बीच, फ्रांस ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अगर ब्रिटिश संसद ब्रेक्जिट समझौते को खारिज करती है तो यूरोपीय यूनियन को लंदन को बिना किसी समझौते के ही संघ से अलग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यूरोपीय मामलों के लिए फ्रांस की मंत्री नेथाली लुईस ने कहा कि यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने के लिए जो समझौता हुआ है, वही सबसे बेहतर और संभव समझौता है। इससे पहले नवंबर में भी  ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के ब्रेक्जिट  मुद्दे पर भारतवंशी मंत्री शैलेष वारा समेत चार मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद मे पर अविश्वास प्रस्ताव के खतरा मंडराने लगा था लेकिन इस बीच उन्होंने अपना इस्तीफा देने से जुड़ी अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया था। तब थरेसा ने कहा था कि वे  ब्रेक्जिट समझौते को अंतिम पड़ाव तक पहुंचता हुआ जरूर देखेंगी।

Tanuja

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