ब्रिटिश इंडियन्‍स की पीएम मोदी को गुहार, पुराने नोट जमा कराने की अवधि बढ़ाई जाए

Wednesday, Nov 30, 2016 - 03:54 PM (IST)

नई दिल्लीः 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बैन करने के फैसले का असर सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी पड़ रहा है। ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय भी इससे परेशान हैं और पुराने नोटों को कैसे तय वक्‍त तक बैंक में जमा कराया जाए, इसकी चिंता उन्‍हें सता रही है। कई लोग तो भारत जा रहे अपने दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों के जरिए इन नोटों को भेज रहे हैं।

ब्रिटेन में रह रहे भारतीयों की यह भी मांग है कि पुराने नोट जमा कराने की 30 दिसंबर की डेडलाइन को और आगे बढ़ाया जाए। उन्‍हें फिक्र हो रही है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनके पास जो कैश है, वह रद्दी हो जाएगा। उनकी चिंता इसलिए भी ज्‍यादा है क्‍योंकि इन नोटों को सिर्फ भारत में ही जमा कराया जा सकता है। ब्रिटेन में नैशनल कांग्रेस ऑफ गुजराती ऑर्गेनाइजेशन (एन.सी.जी.ओ.) के प्रेजिडेंट सी.जे. राभेरू ने कहा, 'मेरे पास सैकड़ों फोन कॉल्‍स आ रहे हैं। उन्‍हें इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर हो क्‍या रहा है। पुराने नोटों को लेकर जिस तरह की अफवाहें चल रहीं हैं, उससे भी लोग परेशान हैं।'

उन्होंने कहा कि कई लोग मोदी सरकार के इस कदम का समर्थन भी कर रहे हैं। एक तरफ जहां वे भारत जाने वाली फ्लाइट्स के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं वहीं वे भारत जा रहे अपने दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों से कैश ले जाने का आग्रह भी कर रहे हैं।

ब्रिटेन में भारतीय मूल के सांसद कीथ वाज ने मोदी सरकार से पुराने नोटों को जमा कराने की डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है। साथ ही उन्‍होंने बैंक ऑफ इंग्‍लैंड के गवर्नर मार्क कार्नी को लेटर लिखा है और मांग की है क‍ि ब्रिटेन में रह रहे भारतीयों को यहीं पर अपने पुराने नोट एक्‍सचेंज कराने की सुविधा मिलनी चाहिए।

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