यूरोपीय संघ के गैलीलियो को टक्कर देने की तैयारी में ब्रिटेन

Monday, Aug 27, 2018 - 11:59 AM (IST)

लंदनः ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद बंटे इन देशों का बंटवारा अब अंतरिक्ष तक पहुँच चुका है। यूरोपीय संघ की महत्वकांक्षी परियोजना गैलिलियो को टक्कर देने के लिए अब ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) ने अपने satellite system  पर काम  शुरू कर दिया है।  ब्रिटेन को अाशंका है कि ब्रैक्जिट के बाद यूरोपीय संघ संवेदनशील सुरक्षा जानकारी प्रतिबंधित कर सकता है।

गैलीलियो यूरोपीय संघ द्वारा 10 बिलियन यूरो (यूएस $ 11.44 बिलियन) से विकसित  एेसा सिस्टम है जो ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच एक फ्लैशपॉइंट के रूप में उभरा है। इस परियोजना के द्वारा यूरोपीय संघ द्वारा पहले ही ब्रिटेन को बाहरी व्यक्ति के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ अपनी महत्वकांक्षी परियोजना गैलिलियो  के तहत 30 उपग्रह प्रक्षेपित  करेगा जो अमेरिका-नियंत्रित जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) का तोड़ बनेंगे। इससे यूरोप (ब्रिटेन+) वैश्विक नौचालन में आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
GPS की तरह, गैलिलियो उपग्रह करोड़ों उपकरणों पर नेविगेशन और मानचित्र संबंधी आँकड़े मुहैया कराएंगे जिनमें उपभोक्ता उत्पादों के साथ सैन्य विमान भी शामिल हैं।  खबर के अनुसार, ब्रिटिश कंपनियों को गैलिलियो परियोजना से जुड़े कामों से बाहर किया जा सकता है और ब्रिटिश सेना इस परिजना का लाभ नहीं ले पाएगी। यह परियोजना यूके के लिए जरूरी है जो जीपीएस के बदले ऐसी संरचना चाहती है जो रणनीतिक रूप से सार्थक होने के साथ वाणिज्यिक महत्ता भी देगी।

लेकिन यूरोपीय संघ की भावी योजना से ब्रिटेन की वांतरिक्ष (एयरोस्पैस) उद्योग को गहरा झटका लग सकता है जो उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चिंता का सबब बन सकती है।यूरोपीय संघ का कहना है कि ब्रिटेन उसके साथ एक सुरक्षा समझौता करने वाला है और वह गैलिलियो परियोजना का हिस्सा नहीं बन सकता है क्योंकि ऐसा करने से प्रणाली की कई संवेदनशील आँकड़े यूरोप से बाहर आएगे। और इसका उपयोग केवल यूरोपीय सदस्य कर सकते हैं। इन्हीं कारणों के चलते ब्रिटिश सरकार ने गैलिलियो का तोड़ ढूँढते हुए अपनी उपग्रह प्रणाली विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर  दिया है  ।

Tanuja

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