ब्रिटेन ने भारतीय पेशेवरों के अधिकार से वंचित करने के फैसले का किया बचाव

Friday, Jun 29, 2018 - 04:46 PM (IST)

लंदनः ब्रिटेन की सरकार ने भारतीयों समेत अपने टैक्स रिकार्ड में कानून सम्मत सुधार करने उच्च कौशल वाले पेशेवरों को रहने के अधिकार से वंचित करने के अपने विवादास्पद फैसले का यह कहते हुए बचाव किया है कि वीजा विवादों में फंसे ये आवेदक कदाचार के दोषी हैं। उच्च कौशल वाले प्रवासियों के समूह के लंबे अभियान के बाद ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने भारत , पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों के शिक्षकों , डॉक्टरों , वकीलों एवं अभियंताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा उपबंध के तहत अनिश्चित काल तक रहने से संबंधी व्यवस्था (आईएलआर) से वंचित करने से जुड़े टायर 1 वीजा मामलों की समीक्षा शुरु की थी।

समीक्षा के पहले चरण के समापन पर ब्रिटेन की आव्रजन मंत्री कैरोलीन नोक्स ने एक पत्र में हाऊस ऑफ कामन्स की प्रभावशाली गृह मामलों विषयक प्रवर समिति से कहा था कि बतायी गयी आय में विसंगति के कारण ब्रिटेन की आव्रजन नियमावली के अनुच्छेद 322 के तहत आवेदनों को नामंजूर करने का उनके विभाग का फैसला ‘ सही ’ था।  पत्र में यह भी कहा गया है कि समीक्षा में गृह विभाग के नामंजूरी के 38 मामलों को अपील पर फैसला पलट दिया गया और मंजूर कर लिया गया।

नोक्स ने कहा कि अपील पर आय के मुद्दे पर विचार किया गया लेकिन ज्यादातार मामले आय के संबंध में फैसले में त्रुटि के बजाय मानवाधिकार के आधार पर पलटे गये।उच्च कौशल वाले प्रवासियों के समूह ने इस आंकड़े को कमतर बताने की मंत्री की कोशिश पर आश्चर्य प्रकट किया है कि 38 मामलों में आवेदक अपनी अपील जीत गये। अगले कुछ हफ्ते में बाकी 1671 मामलों की समीक्षा के बाद यह आंकड़ा बढ़ सकता है। समूह की समन्वयक अदिति भारद्वाज ने कहा कि यह अनुच्छेद 322 (5) का गैर अनुपातिक ढंग से इस्तेमाल किये जाने की हमारी बात को सही साबित करता है। 

Isha

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