ब्रेग्जिट पर सांसदों का तगड़ा झटकाः EU को लिखे खत को लेकर फंसे PM बोरिस

punjabkesari.in Sunday, Oct 20, 2019 - 11:16 AM (IST)

लंदनः यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन के बाहर होने की कवायद में जुटे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को तगड़ा झटका लगा है। शनिवार को ब्रिटिश संसद ने ब्रेग्जिट डील के देरी के पक्ष में मतदान किया । सांसदों ने तर्क दिया कि वे समझौते के ब्योरे का अध्ययन करने के लिए और समय चाहते हैं। जॉनसन को एक झटका देते हुए 306 के मुकाबले 322 सांसदों ने ब्रेक्जिट में देर कराने वाले एक महत्वपूर्ण संशोधन पर मतदान किया। ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अलग होने की समयसीमा 31 अक्टूबर है। ताजा झटके के बाद जॉनसन ने ईयू को खत लिखकर ब्रेग्जिट के लिए समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है।

 

ब्रिटिश पीएम की ईयू को लिखे गए खत को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि सांसदों के झटके के बाद गंभीर संकट में फंसे जॉनसन ने ब्रेग्जिट के लिए और समय मांगने संबंधी खत पर दस्तखत नहीं किया है। उन्होंने एक और खत लिखकर ईयू को भेजा है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह नहीं चाहते कि ब्रेग्जिट में 31 अक्टूबर से ज्यादा का वक्त लगे। इस खत पर उन्होंने दस्तखत भी किए हैं। सूत्र ने बताया कि जॉनसन द्वारा ईयू को भेजा गया पहला पत्र सिर्फ कानून के पालन के लिए भेजा गया है। डाउनिंग स्ट्रीट से जुड़े सूत्र के मुताबिक जॉनसन ने लेटर की एक फोटोकॉपी भेजी है, जिसको भेजना कानून के मुताबिक जरूरी है।

 

पहले लेटर पर उनके दस्तखत नहीं हैं और उसमें कहा गया है कि अगर 31 अक्टूबर तक ब्रेग्जिट डील नहीं हो पाती है तो इसके लिए और ज्यादा समय दिया जाए। जॉनसन ने ईयू को एक और खत लिखा है, जिसमें उन्होंने दस्तखत भी किए हैं। दूसरे खत में ब्रिटिश पीएम ने स्पष्ट किया है कि वह ब्रेग्जिट में देरी नहीं चाहते हैं। स्थिति स्पष्ट करने के लिए ब्रिटिश राजदूत ने भी ईयू को लिखा खत ईयू को एक तीसरा पत्र भी भेजा गया है, जिसे ईयू में ब्रिटेन के राजदूत टिम बैरो ने लिखा है।

 

इस लेटर में बैरो ने यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि ब्रेग्जिट के लिए और समय देने की मांग संबंधी खत सिर्फ कानूनी औपचारिकता को पूरा करने के लिए भेजा गया है। दरअसल, पिछले महीने ब्रिटिश संसद ने एक प्रस्ताव पास किया था कि अगर 31 अक्टूबर तक ब्रेग्जिट डील को उसकी मंजूरी नहीं मिलती है तो सरकार ईयू को खत लिखकर इसके लिए 3 और महीने का वक्त मांगे यानी 31 जनवरी 2020 तक का वक्त मांगे।
 

 

 

 

 

 


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Tanuja

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