बाइडेन की जीत पर टिकटिकी लगाए बैठे चीन-पाकिस्तान, ट्रंप की हार की कर रहे दुआ
Thursday, Nov 05, 2020 - 03:15 PM (IST)
वॉशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव नतीजों पर दुनिया के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान भी टकटकी लगाए बैठें हैं। चीन-पाक ट्रंप की हार की दुआएं कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में जहां चीन के साथ टकराव बढ़ा वहीं पाकिस्तान को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चीन की तरफ झुकाव रखने वाले बाइडेन की जीत से पाकिस्तान को खासी उम्मीदें हैं। कारण है बाइडेन का पाकिस्तान के प्रति सॉफ्ट कार्नर होना । ट्रंप डिप्लोमेसी से ज्यादा एक्शन में यकीन रखते हैं वहीं बाइडेन पुराने डिप्लोमेट हैं जिस कारण वह राजनितिक दांव-पेंच में माहिर हैं। विश्लेषकों को लगता है कि बाइडेन के राष्ट्रपति चुने जाने से चीन और पाक दोनों देशों के रिश्तों का पुराना दौर लौट आएगा।
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि चीन और वामपंथी बाइडेन की जीत के लिए ‘लालायित’ है क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बाइडेन को ‘आत्मसमर्पण’ के लिए जाना जाता है । वह चीन को नौकरियां ‘सौंप देंगे’। पूर्व उपराष्ट्रपति। चीन पर शुल्क में कटौती करेंगे और वह पहले ही कह चुके हैं कि वह चीन पर लगे शुल्क हटाएंगे।’ बाइडेन के लिए पाकिस्तान के मन में प्रेम की वजह भी खास है।बाइडेन को पाकिस्तान ने अपने दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 'हिलाल-ए-पाकिस्तान' से नवाज रखा है। ये सम्मान उन्हें क्यों मिला, इसके पीछे बाइडेन का पाकिस्तान को लगातार मिलता रहा समर्थन है। 2008 में जब बाइडेन को यह सम्मान मिला था, उससे कुछ महीने पहले ही जो बाइडेन और सीनेटर रिचर्ड लुगर पाकिस्तान को हर साल डेढ़ बिलियन डॉलर की गैर-सैन्य मदद का प्रस्ताव लाए थे।
लुगर को भी 'हिलाल-ए-पाकिस्तान' मिला था। तब पाकिस्तान क राष्ट्रपति रहे आसिफ अली जरदारी ने 'लगातार पाकिस्तान का साथ देने के लिए' दोनों का शुक्रिया अदा किया था। पाकिस्तान तो यही चाहेगा कि उसका साथ देने वाला कोई वाइट हाउस में बैठे।जो बाइडेन के चुनाव प्रचार कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत विरोधी बयान सामने आ चुके हैं। मुस्लिम अमरीकियों के लिए प्रचार करते वक्त उनकी टीम ने कहा कि कश्मीर के मुस्लिमों की तुलना बांग्लोदश में रोहिंग्या और चीन में उइगर मुसलमानों से की थी। प्रचार में भारत सरकार से आर्टिकल 370 बहाल करने को कहा गया था।
बाइडेन ने जिन्हें अपना डेप्युटी चुना है, वे कमला हैरिस भी कश्मीर में दखल की बात कर चुकी हैं। पाकिस्तान भी तो यही चाहता है। इसलिए बाइडेन की जीत को लेकर पाकिस्तान के मन में लड्डू फूट रहे होंगे। विदेश नीति पर नजर रखने वाले जानकारों के अनुसार, अगर जो बाइडेन जीतते हैं तो चीन और पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर होगी। जो बाइडेन अपनी विदेश नीति में चीन और पाकिस्तान के साथ संबंधों को नया आयाम दे सकते हैं। ऐसे में आशा जताई जा रही है कि बाइडेन के कार्यकाल में चीन, पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध आज की तुलना में अच्छे होंगे।