चीन सरकार ने कोरोना वुहान त्रासदी को फायदे में बदला

Monday, Jan 25, 2021 - 04:51 PM (IST)

न्यूयॉर्कः एक साल पहले चीन के वुहान शहर में पैदा हुए कोरोना वायरस ने न सिर्फ इस शहर को बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। कोरोना के चलते वुहान  को पूरी तरह ठप्प कर दिया था। चीन सरकार इस दौरान महामारी को दुनिया की नजरों से  छिपाने में लगी रही । इस महामारी को लेकर चीन में इंटरनेट मीडिया पर भारी बवाल छिड़ गया था। दशकों बाद चीन सरकार को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पिछले साल जनवरी के इसी हफ्ते में चीन की कम्युनिस्ट सरकार सदी के सबसे बड़े संकट के मुहाने पर खड़ी थी।

 

वैचारिक रूप से दशकों तक दबाए गए और सख्त सेंसरशिप में रहने वाले चीन के उदारवाली लोग खुलकर अपनी बातें रखने लगे  लेकिन एक साल बाद चीन सरकार ने विद्रोहियों की आवाज को पूरी तरह से दबा दिया। वुहान में कोरोना वायरस के बारे में सबसे पहले लोगों को आगाह करने वाले डॉ. ली वेनलियांग को सरकारी मशीनरी द्वारा पकड़ने और कुछ दिनों पर उनकी इस महामारी के चलते हुई मौत ने चीन के युवाओं में सरकार के प्रति आक्रोश पैदा कर दिया था। एक साल बाद युवाओं का आक्रोश भी न जाने कहां गायब हो गया है। 

 

चीन में इस महामारी की वजह से अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के बजाय लोग एक अभिनेत्री और उसके सरोगेट बच्चों को लेकर पैदा हुए विवाद में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर किसी तरह की बहस नहीं चल रही है। महामारी से निपटने में चीन सरकार की विफलता को लेकर जो अवधारणा बनी थी, वह पूरी तरह बदल गई है। शी चिनफिंग सरकार ने वुहान की त्रासदी को अपने फायदे में बदल दिया है। दमन के बल पर वह अपने ही लोगों समझाने में सफल रही है कि उसने बहुत ही सफल तरीके से इस महामारी को दबा दिया।


 

Tanuja

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