15,000 रोहिंग्याओं को आदिवासी जिले से शिविर में भेजेगा बांग्लादेश

Sunday, Oct 01, 2017 - 05:24 PM (IST)

कॉक्स बाजार(बांग्लादेश): बांग्लादेश म्यांमा से आ कर सीमा से लगे अशांत पर्वतीय जिले में बसे कम से कम 15,000 रोहिंग्या शरणार्थियों को एक शिविर में भेजेगा।   


म्यामां में हिंसा के बाद पिछले पांच हफ्तों में वहां से भागकर दक्षिणपूर्वी बांग्लादेश आए लगभग 5 लाख रोहिंग्या लोगों में से अधिकतर को सरकारी भूमि पर बनाए गए शिविरों में रखा गया है। लेकिन मुख्य रूप से हजारों मुस्लिम शरणार्थी नजदीकी बंदरबान जिले में बसे हैं। यह चटगांव का इलाका है जहां 1980 और 1990 के दशक में स्थानीय आदिवासियों ने अलगाववादी विद्रोह छेड़ा था।  


बांग्लादेश के अधिकारियों को डर है कि उनकी मौजूदगी के कारण स्थानीय मुस्लिम आबादी और आदिवासी अल्पसंख्यक के बीच सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन सकती है। आदिवासियों में से ज्यादातर बौद्ध हैं। बंदरबान सरकार के प्रशासक दिलीप कुमार बानिक ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया,‘‘सरकार ने हाल में यहां आए सभी 15,000 रोहिंग्या लोगों को मुख्य शिविर में भेजने का फैसला किया है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार ‘‘पहाड़ी जिले में शांति सुनिश्चित करने के लिए’’ कल से उन्हें वहां भेजना शुरू करेगी। बांग्लादेश ने रोहिंग्या लोगों के लिए अपनी सीमा खोल दी थी। उसने उन्हें शरणार्थी का आधिकारिक दर्जा नहीं दिया है और यह साफ कर दिया है कि वह नहीं चाहता कि ये लोग वहां अनिश्चितकाल तक रहें।  
 

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