ईशनिंदा मामलाः पाक में जेल में 8 साल सजा काटने वाली आसिया बीबी ने फ्रांस से मांगी शरण

Thursday, Feb 27, 2020 - 02:43 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान की जेल में ईशनिंदा के आरोप में आठ साल की सजा काटने के बाद निर्वासित ईसाई महिला आसिया बीबी ने फ्रांस सरकार से राजनीतिक शरण मांगी है। आसिया बीबी ने सोमवार को एक रेडियो को साक्षात्कार देते हुए कहा कि मेरी फ्रांस में रहने की बहुत इच्छा है। आसिया बीबी 2018 में अपने परिवार के साथ कनाडा आ गई थीं और अभी वो फ्रांस के दौरे पर हैं। यह उनकी फ्रांस की पहली यात्रा है। बीबी की यात्रा उनकी किताब एनफिन लिबरे यानी फाइनली फ्री (आखिरकार आजादी) के प्रकाशन के बाद हुई।

साक्षात्कार में आसिया ने कहा कि फ्रांस वह देश है जहां से मैंने अपना नया जीवन प्राप्त किया... एन्ने-इसाबेले मेरे लिए एक फरिश्ता हैं। उन्होंने फ्रांस की पत्रकार एन्ने-इसाबेले टोलेट का जिक्र किया जिन्होंने आसिया की रिहाई के लिए लंबा अभियान चलाया और उनपर एक किताब लिखी। उन्होंने कहा कि मेरी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन के साथ कोई बैठक नहीं हुई है, लेकिन मैं स्पष्ट रूप से चाहूंगी कि राष्ट्रपति मेरा अनुरोध सुनें। आसिया ने कनाडा का भी आभार व्यक्त किया। बता दें कि आसिया को ईशनिंदा के आरोप में साल 2010 में पाकिस्तान की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी लेकिन 2018 में उन्हें बरी कर दिया गया।

फ्रांस की पत्रकार एन्ने-इसाबेले टोलेट ने उनके बारे में एक किताब लिखी है। वह अकेली ऐसी पत्रकार हैं जो कनाडा में बीबी से मिलीं। किताब का नाम एनफिन लिबरे यानी फाइनली फ्री (आखिरकार आजादी) है। जो फ्रेंच में प्रकाशित हुई है और सितंबर में इसका अंग्रेजी संस्करण प्रकाशित होगा। इसमें बीबी ने अपनी गिरफ्तारी, जेल की हालत, बरी होने की राहत के साथ ही नई जिंदगी में समायोजन बैठाने में आई दिक्कतों के बारे में बताया है।

किताब में आसिया बीबी कहती हैं, 'आप मीडिया के जरिए मेरी कहानी जानते हैं। लेकिन आप जेल में मेरे दैनिक जीवन या मेरे नए जीवन को समझने से बहुत दूर हैं। मैं कट्टरता के कारण कैदी बनी। जेल में केवल आंसू मेरे साथी थे।' उन्होंने पाकिस्तान जेल की भयावह स्थिति के बारे में बताया जहां उन्हें चेन से बांधकर रखा जाता था और अन्य बंदी उनका मजाक उड़ाते थे।

Tanuja

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