कृत्रिम बाधाओं से कैसे बचते हैं प्रवासी पक्षी

Saturday, May 23, 2015 - 06:16 PM (IST)

लंदन: प्रवासी पक्षियों की उड़ान बाधाओं से मुक्त नहीं होती, खासकर मनुष्यों द्वारा बनाई गई बाधाओं से। लेकिन सवाल यह है कि ये पक्षी इन बाधाओं से बचते कैसे हैं? एक नए शोध के मुताबिक, समूह में उड़ान भरने वाले इन पक्षियों की सामाजिक संरचना इन्हें इन बाधाओं से उबारती है। 

समूह में उड़ान भरने वाले इन प्रवासी पक्षियों का एक सामाजिक गठन होता है, जिसका बाधाओं को पार करने में महत्वपूर्ण योगदान होता है। इनकी सामाजिक संरचना में कई स्तर की होती हैं और पूरे समूह का एक मुखिया होता है, जिसके पास बाधारहित उड़ान के उपाय और पुख्ता जानकारी होती है।
 
शोधपत्र के मुख्य लेखक और ब्रिटेन के यॉर्क विश्वविद्यालय के जैमी वुड के मुताबिक, ‘‘शोध दल यह जानना चाहता था कि उड़ान के दौरान आने वाली बाधाओं जैसे, विंड टरबाईन से निपटने में अलग-अलग प्रजातियों का सामाजिक व्यवहार कैसे अलग होता है और समूह की संरचना पर इन बाधाओं का क्या प्रभाव पड़ता है।’’
 
शोधकर्ताओं ने उड़ान के दौरान पक्षियों की इस सामाजिक संरचना के लाभ को समझने के लिए कम्प्यूटर की सहायता से कई नकल तैयार किए और साथ ही यह भी समझने की कोशिश की कि पर्यावरण की स्थितियों से टकराव का खतरा कैसे बढ़ता है।
 
शोधपत्र के सह-लेखक और यॉर्क विश्वविद्यालय के ही जॉन पिचफोर्ड का कहना है, ‘‘हम सभी जानते हैं कि प्रवासी पक्षी प्राकृतिक तौर पर समूह में उड़ते हैं। लेकिन यह अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि उड़ान के दौरान पक्षियों का समूह, नेता और अनुगामी के नियमों का पालन करता है या लोकतांत्रिक नियमों का।’’
 
पिचफोर्ड ने आगे कहा, ‘‘कम्प्यूटर की मदद से किए गए प्रयोग से स्पष्ट है कि सामाजिक संरचना पक्षियों के उड़ान में महत्वपूर्ण स्थान रखती है और जिस समूह में एक अच्छी जानकारी वाला मुखिया होता है वह समूह टकराव से बचने में ज्यादा कारगार होता है।’’ पक्षियों की उड़ान पर यह शोध ‘इंटरफेस’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
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