भूकंप से भयभीत नेपाली परिवार नहीं जाना चाहते अपने वतन

Sunday, May 03, 2015 - 05:14 PM (IST)

 हिसार : नेपाल में हाल में आए विनाशकारी भूकंप से सहमे नेपाली परिवार वतन लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। भूकंप में हजारों लोग जमींदोज हो गए और रुक -रुक कर आ रहे भूकंप के झटकों ने इन नेपाली परिवारों के दिलों में दहशत बैठा दी है। अपने देश से हजारों किलोमीटर दूर हरियाणा के हिसार में रहकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे ये नेपाली परिवार हर साल गर्मी की छुट्टियों में अपने बच्चों के साथ नेपाल जाते रहे हैं लेकिन भूकंप ने तो उनकी दुनिया ही उलट पलट कर दी और खौफनाक मंजर को याद कर उनके परिवार वहां नहीं जाना चाहते।

आज सुबह भी नेपाल में फिर झटके महसूस किए गए जिससे उनके परिवारों की ङ्क्षचता को और बढ़ा दिया है। जैसे ही नेपाल में आज सुबह भूकंप के झटके आने की सूचना इन परिवारों को मिली तभी उन्होंने अपने परिजनों की सलामती की जानकारी ली। परिजनों के सकुशल होने की जानकारी मिलने पर इनको राहत मिली। नेपाल से आकर हरियाणा के हिसार में बसे परिवार हर वर्ष गर्मियों के अवकाश में नेपाल जाते थे लेकिन प्राकृतिक आपदा ने उन्हें तोड़ दिया है। नेपाल के अरघाखानी जिले में लुम्बिनी के रहने वाले इन परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और रहने के लायक नहीं हैं ।

दयानन्द कालेज हिसार में कार्यरत तिलक राम गौतम, हरि प्रसाद तथा वेद प्रकाश ने कहा कि घर जाने का किसका मन नहीं करता लेकिन वहां की तबाही और रोजाना के झटकों की खबर सुनकर उनकी रूह कांप जाती है इसलिए चाहते हुए भी वहां नहीं जाएंगे। प्रवासी नेपाली संघ के जिलाध्यक्ष संत राज अधिकारी ने बताया कि हिसार जिले में 10 हजार नेपाली कार्य कर रहे हैं। पिछले 20 वर्ष से हिसार के इंडस्ट्रीयल एरिया की एक इंडस्ट्री में काम करते हैं । जिस दिन नेपाल में भूकंप आया था, उस दिन वे भी नेपाल गए हुए थे और उन्होंने भूकंप के दौरान घर की खिड़की से कूद कर अपनी जान बचाई थी।

उन्होंने बताया कि वे हिसार में एक अभियान चलाकर नेपाल के भूकंप पीड़ितों के लिए राहत जुटाएंगे, जो प्रधानमंत्री राहत कोष के माध्यम से नेपाल पहुंचाई जाएगी। तबाही का मंजर अपनी आंखों से देखकर लौटे नेपाली कमल ने बताया कि भूकंप ने चंद मिनटों में सब कुछ खाक में मिला दिया।

Advertising