इस युवक के साथ नेपाल भूकंप में हुआ चौंकाने वाला चमत्कार!

Wednesday, Apr 29, 2015 - 05:59 PM (IST)

नई दिल्ली: नेपाल में गत शनिवार को आए भयानक भूकंप में अब तक पांच हजार लोग मारे जा चुके हैं और आठ हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्राकृतिक आपदा के बाद हिमालय की तराई में बसे इस देश में जहां चारों तरफ धराशायी मकानों के आसपास मरघट-सा सन्नाटा है वहीं राहत कार्याें से महरूम खुले मैदानों में बारिश के बीच रात-दिन गुजार रहे लोगों के चेहरों पर खौफ तथा बेबसी का आलम है।  
 
वहीं इस भयानक भूकंप में 17 वर्षीय कृष्णा रामतर नाम के युवक के साथ ऐसा चमत्कार हुआ जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए। कृष्णा के मुताबिक वे  भूकंप आने से पहले टॉवर की आठवीं मंजिल से फोटो क्लिक कर रहे थे। फोटो खींचने के दौरान ही अचानक से कंपन शुरू हुआ और सब कुछ बिखर गया। जिसके बाद वह 203 फीट के टॉवर के मलबे के नीचे दफन हो गया।  हम लोग कहां जायें ,क्या करें, कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। हम बहुत ज्यादा ऊंचाई पर थे, और गिरने के बाद हमें अस्पताल में ही होश आया है।
 
कृष्णा ने कहा कि इतनी ऊंचाई के गिरने के बाद भी बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि उनको दोबारा जीवनदान मिल गया, जिसके बाद से ईश्वर में उनका विश्वास और भी ज्यादा बढ़ गया है। कृष्णा कहते हैं कि किस्मत ने उनके साथ दोहरा खेल खेला है, उन्हें तो बचा लिया लेकिन इस भूकंप ने उनकी बहन और सास को उनसे छीन लिया। 
 
गौरतलब है कि नेपाल में गत शनिवार को आए भयानक भूकंप में अब तक पांच हजार छह लोग की मौत हो चुकी है जबकि आठ हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। गृह मंत्रालय ने आज बयान जारी करके मृतकों की संख्या पांच हजार छह सौ होने की पुष्टि की। देश के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने कल रायटर के साथ साक्षात्कार के दौरान आशंका जाहिर की थी कि मृतकों की संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है। उन्होंंने राहत एवं बचाव कार्यों को और तेज करने का निर्देश देते हुए और अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की थी।
 
अस्पतालों की कमी की वजह से डाक्टर लोगों का शिविरों में ऑपरेशन और इलाज कर रहे हैं। नेपाल में भारत के 45 बिस्तरों वाले अस्पताल में लोगों का इलाज शुुरु हो गया है।  भारत समेत कई देश युद्ध स्तर पर नेपाल को हर प्रकार की मदद पहुंचा रहे हैं लेकिन कार्यों के समन्वयन में कमी के कारण राहत सामग्री लोगों तक सही तरह से नहीं पहुंच पा रही हैं। इस देश में 1935 के बाद यह सबसे बडा भूकंप है जिसमें साढ़े आठ हजार लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। 
 

 

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