जर्मनविंग प्लेन एक्सीडेंटः टेररिस्ट अटैक या सुसाइड ?

Friday, Mar 27, 2015 - 05:31 AM (IST)

जालंधर(एम. के. प्रमोद): जर्मनविंग्स फ्लाइट 9525 के को पाइलट ने जानबूझ कर प्लेन को गिरने के लिए छोड़ दिया। लुफ्तशाना एयरलाइन के सीईओ कार्सस्टेन स्पोर के मुताबिक वह इस दुर्घटना से खुद चकित हैं कि को पाइलट को क्या सूझी कि उसने जहाज को अाल्प्स की पहाड़ियों में जानबूझकर गिरा दिया। गौरतलब है कि उक्त जहाज लुफ्तशाना एयरलाइन  के स्वामित्व में चलाया जा रहा था।

बीते मंगलवार को वह जहाज फ्रांस के अाल्प्स की पहाडि़यों में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस बीच मार्सेल के अभियोजक ब्रिस रॉबिन ने कहा है कि 28 वर्षीय को पाइलट जर्मनी निवासी एंड्रीज लुबिस जहाज को तबाह करना चाहता था और उसने एेसा ही किया।

रॉबिन ने अागे बताया कि यह तो स्पष्ट नहीं है कि लुबिज ने पहले ही जहाज को गिराने की योजना बना थी, लेकिन यह उसने मौके का फायदा उठाते हुए जहाज को नीचे उतारने वाले सिस्टम को जानबूझकर एक्टिवेट कर दिया चूंकि जहाज का असली पायलट कॉकपिट से बाहर था।

साथ ही रॉबिन ने यह भी कहा कि एेसा सिर्फ जानबूझकर ही किया जा सकता है। वहीं लुफ्तशाना के सीईओ सोपोर के मुताबिक यह अभी स्पष्ट नहीं है कि पायलट ने कॉकपिट में घुसने का प्रयास किया कि नहीं या को-पाइलट ने कॉकपिट का दरवाजा भीतर से बंद कर रखा था। ब्लैक बाक्स से मिली जानकारी के मुताबिक दुर्घटना के कुछ शुरुआती क्षणों में यात्रियों के चीखने की आवाज आवाज आ रही है।

जर्मनी के अधिकारियों के मुताबिक भी जहाज को जानबूझकर गिरने के लिए छोड़ दिया गया। इस बीच जर्मनी के चांसलर एंजेला मर्केल ने भी कहा है कि यह दुर्घटना किसी के समझ से बाहर है। कोई इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता था। इस बीच फ्रांस की सरकार ने अपनी जांच एजेंसी एफबीआई से इस दुर्घटना की जांच के लिए कहा है।

साथ ही जहाज के दूसरे ब्लैक बाक्स व फ्लाइट डाटा रिकार्डर को ढूंढ़ने का प्रयास जारी है जिससे कि दुर्घटना के शुरुआती क्षणों में हुई गतिविधियों के बारे में जानकारी ली जा सके।
 
अब सवाल है कि जब को पायलट न तो आतंकी था और नाही उसने आत्महत्या की तो फिर उसने एेसा क्यों किया यह बात किसी के भी समझ से बाहर है। 9-11 के अमरीकी आतंकी हमले में किसी को कहां पता था कि जो व्यक्ति अमरीका में ही पायलट का प्रशिक्षण ले रहा है वह कभी इसी देश में एेसा भयानक हमला करेगा। गौरतलब है कि इस वारदात में शामिल आतंकी में से एक ने पायलट की ट्रेनिंग ले रखी थी।


जांच एजेंसी को को-पायलट के मोटिव 
की अभी तक जानकारी नहीं


हालांकि अभी जांच एजेंसी को यह पता नहीं चल पा रहा है कि लुबिज ने एेसा क्यों किया ? लुफ्तशाना के सीईओ सोपोर ने भी कहा कि कंपनी को भी इस बारे में कुछ पता नहीं है। आडियो रिकार्डर के मुताबिक पायलट कॉकपिट से टॉयलेट के लिए निकलता है और लुबिज उसकी जगह जहाज को चलाने के लिए बैठ जाता है। फिर पायलट लौटकर आता है तो उसे कॉकपिट का दरवाजा बंद मिलता  है। पायलट के कहने पर भी को पायलट दरवाजा नहीं खोलता है और जहाज को नीचे उतरने के लिए छोड़ देता है।

अभियोजक रॉबिन के मुताबिक इसे न तो अातंकी हमला कहा जा सकता नाही आत्महत्या क्योंकि लुबिज 149 लोगों के साथ आत्महत्या को अंजाम क्यों देता। लुबिज का नाम आतंकियों की सूची में शामिल नहीं है और उसके धर्म के बारे में भी अभी तक पता नहीं है। उधर, कंपनी लुफ्तशाना के मुताबिक लुबिज 2013 से कंपनी में काम कर रहा है। साथ ही वह अभी तक कंपनी के जहाज को 630 घंटे तक चला चुका है।

उसने कंपनी के जर्मनी स्थित कंपनी के फ्लाइट सेंटर ब्रेमेन में जहाज उड़ाने का प्रशिक्षण लिया था। उसे अपने जहाज को चलाने का 100 घंटे का अनुभव था लेकिन इस जहाज को चलाने के लिए उसके पास सभी जरूरी क्वालिफिकेशन और सर्टिफिकेट थे। 

गौरतलब है कि लुबिज को कंपनी में नौकरी देने से पहले उसका मेडिकल जांच भी किया गया था लेकिन लुफ्तशाना के पास अभी पायलट के मनोवैज्ञानिक जांच की मानक व्यवस्था अभी तक नहीं है।

उल्लेखनीय है कि यह फ्लाइट बार्सिलोना, स्पैन से होकर जर्मनी के डसलडोफ जा रही थी। जब यह दुर्घटनाग्रस्त हुई। दुर्घटना के वक्त यह 38,000 फीट की उंचाई पर उड़ रही थी जब यह अचानक 8 मिनट तक नीचे गिरती रही। 6,000 फीट नीचे गिरने के बाद यह दुर्घटनाग्रस्त हुई। फ्लाइट में 144 यात्रियों मेें 28 देशों के नागरिक थे। इसमें से आधे यात्री जर्मनी से थे जबकि 35 स्पैन के नागरिक थे। यह बात भी सामने आई है कि इन यात्रियों में 3 अमरीकी नागरिक थे। साथ ही स्पैन के एक कपड़े बनाने वाली कंपनी Desigual के मुताबिक उनका भी एक कर्मी जिसका नाम Robert Calvo था, सफर में यात्रियों के साथ शामिल था।
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