धरती से लुप्त हो रहे ये जंगली जानवर( जाने तस्वीरों में )

Friday, Mar 06, 2015 - 01:52 AM (IST)

जालंधर. दुनियां में धीरे-धीरे खत्म हो रही जंगली जानवरों की प्रजाति चिंता का विषय है। दुनिया में कई ऐसे जानवर हैं, जिनके संरक्षण को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इस कारण इनकी संख्या में निरंतर कम होती जा रही है। एक समय ऐसा आएगा जब दुनिया में इन जानवरों के नाम भी लोगों को याद नहीं रहेंगे। सन 2013 में  लुप्त प्राय वनैले जीव-जन्तुओं और वनस्पतियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रस्तुत की गई संधि पर आयोजित बैंकाक सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों ने 3 मार्च के दिन को अंतरराष्ट्रीय वन्य दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।
 
जानिए कौन-कौन से हैं जानवर जो प्रकृति से विलुप्त हो रहे हैं। 
 
हिम तेंदुआ
हिम तेंदुआ इनकी संख्या इतनी कम हो गई हैं, कि आप इनें अपनी अंगुलियों से गिन सकते हैं। बीसवीं सदी में हिम तेंदुए का नाम लुप्त प्राय पशुओं की उस लाल पुस्तिका में शामिल कर लिया गया है, जिसे प्रकृति संरक्षण संबंधी अंतरराष्ट्रीय संघ की लाल किताब कहा जाता है। इसके अलावा इस हिम तेंदुए को रूस और अन्य देशों की भी ऐसी ही लाल किताबों में शामिल किया गया है। सन 2014 में हिम तेंदुओं के शिकार पर पूरी दुनिया में प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सलेटी सील मछली
सलेटी सील मछली मुख्य रूप से बड़े-बड़े महासागरों में पाई जाती है। लेकिन पिदले कुछ समय से इनकी संख्या में धीरे-धीरे कमी आ रही है। रूस में संरक्षित जीव जन्तुओं की प्रजातियों में सलेटी सील मछली भी शामिल है।
कुबड़ी व्हेल मछली
एक लंबे समय तक कुबड़ी व्हेल मछलियों का भारी संख्या में शिकार किया जाता रहा। इस कारण व्हेल मछलियों की संख्या बेहद कम हो गई है। कुबड़ी व्हेल मछली अब विलुप्त होती जा रही एक प्रजाति के रूप में प्रकृति संरक्षण संबंधी रूस की लाल किताब और अंतरराष्ट्रीय लाल किताब में शामिल किया गया है।
लाल भेडिय़ां
लाल भेडिय़ा भी भेडिय़ा की एक लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजाति मानी जाती है। उनकी ठीक-ठीक संख्या उपलब्ध नहीं हैं। 
अमूर  बाघ
साइबेरियाई अमूर बाघ भी उन प्रजातियों में से एक है, जो लुप्त होती जा रही हैं। अप्रैल 2013 में रूस के सुदूर पूर्व के इलाके में इन बाघों की संख्या 450 के करीब पाई गई थी। 
चमगादड़
लंबे पंखों वाला सामान्य चमगादड़ भी विलुप्त होने जा रही प्रजाति का ही एक जीव है।
उत्तरी हिरण
साइबेरियाई उत्तरी हिरन उत्तरी रूस के सबसे खूबसूरत जानवरों में से एक माना जाता है। जंगली भेडि़ए इस प्रजाति के लिए बड़े ख़तरनाक सिद्ध हो रहे है।
पलस बिल्ली
पलस बिल्ली या मनउल बिल्ली भी विलुप्त होने की कगार पर है। इस बिल्ली का नाम भी प्रकृति संरक्षण की अंतरराष्ट्रीय संघ की लाल पुस्तिका में तथा रूस की लाल पुस्तिका में शामिल है। सारी दुनिया में पलस बिल्ली या मन‍ऊल के शिकार पर रोक लगी हुई है। किसी-किसी देश में यह विलुप्त हो चुकी है। यह बिल्ली छुपकर गुप्त जीवन जीना पसंद करती है, इसलिए यह बता पाना मुश्किल है कि इस प्रजाति की कितनी बिल्लियां आज दुनिया में बाकी रह गई हैं।
 
जंगली भैंसे
यूरोपीय लोगों के उत्तरी अमेरिका पहुंचने से पहले वहां जंगली भैंसे बड़ी संख्या में पाई जाती थी। आजकल जंगली भैंसों की जो प्रजातियां मौजूद हैं, उनमें से उन्नीसवीं शताब्दी के आखिर में और बीसवीं शताब्दी के शुरू में अमरीकी जंगली भैंसे और यूरोपीय जंगली भैंसे पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी हैं। आजकल यूरेशियाई जंगली भैंसों की प्रजाति को सुरक्षित रखने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए 40 कनाडाई जंगली भैंसों को याकूतिया लाया गया है।
अमूरी तेंदुए
सुदूर पूर्वी तेंदुए ही अमूरी तेन्दुए की एक उप-प्रजाति है। रूस में ये नायाब तेंदुए आजकल 50 से ज़्यादा हैं। रूस में सिर्फ  प्रीमोर्ये के इलाके में ये तेंदुए पाए जाते हैं। तेंदुओं की इस उप-प्रजाति को भी प्रकृति संरक्षण की अंतरराष्ट्रीय संघ की लाल किताब और रूस की लाल किताब में सूचीबद्ध किया गया है।
नीली लोमड़ी
उत्तरी ध्रुवीय लोमड़ी या नीली लोमड़ी कमचात्का प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर स्थित कमांडर द्वीप समूह पर पाई जाती है। कमांडर द्वीप समूह पर इनकी संख्या सौ से ज़्यादा नहीं है। इस लुप्तप्राय नीली लोमड़ी को भी रूस की लाल किताब में सूचीबद्ध किया गया है। 1993 से यह द्वीप समूह पूरी तरह से संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
पर्वतीय भेड़ा
अंतरराष्ट्रीय लाल पुस्तिका में अल्ताय का पर्वतीय भेड़ा भी शामिल है। उन इलाकों में जहां यह भेड़ा पाया जाता है, संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इन भेड़ों के शिकार पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है।
धु्रवीय भालू
सफेद उत्तर ध्रुवीय भालू भी धीमी प्रजनन गति और कम उम्र में ही मृत्यु की वजह से लुप्त होने लगे हैं। 2013 में रूस में इनकी संख्या 5-6 हजार से ज्यादा नहीं थी। 2018 के बाद रूस में सफेद ध्रुवीय भालुओं की पूरी गिनती करने की योजना बनाई गई है।
जंगली घोड़े
1992 के बाद से मंगोलिया और चीन में इस्तेमाल किए जाने वाले जंगली घोड़ों को फिर से जंगल का आदी बनाने के लिए एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रेजवाल्स्की घोड़ों के नाम से पहचानी जाने वाली यह प्रजाति भी पृथ्वी पर से गायब हो रही है। जंगलों में इस तरह के मुश्किल से 200 घोड़े ही शेष बचे हैं। पूरी दुनिया में इस प्रजाति के लगभग दो हजार घोड़े ही हैं।
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