प्राचीन डीएनए से होगा खुलासा, ब्रिटेन कैसे पहुंचा गेहूं

Friday, Feb 27, 2015 - 08:10 PM (IST)

लंदन: प्राचीन ब्रिटेन में शिकारी समुदाय के लोग खेती सीखने से पहले यूरोप से अनाज आयात करते थे। नए अनुसंधान में इस आशय का खुलासा हुआ है। विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ के मुताबिक, इंगलिश चैनल की तलहटी में डूबी मिट्टी से मिले प्राचीन डीएनए से पता चला है कि ब्रिटेन में कोई 2000 वर्ष पहले नवपाषाण कृषकों ने अनाज उत्पादन शुरू किया था।

मेसोलीथिक से नवपाषाण संक्रमण में आधुनिक मानवों की बस्ती शुरू हुई और अनाज का विकास होने लगा। इस खंड में यही सभ्यता और तकनीक के विकास का प्रमुख कदम था। वारविक विश्वविद्यालय में मानवविज्ञानी एवं पादप अनुवांशिकी विशेषज्ञ रोबिन अल्लाबी ने कहा, ‘‘मेसोलीथिक ब्रिटेन दिए जा रहे तर्कों के अनुरूप सांस्कृतिक रूप से अत्यंत उन्नत मुख्य यूरोपीय भूभाग से बहुत ज्यादा भिन्न नहीं था।’’ ऊपरी तौर पर व्यापार या हथियार के द्वारा या दोनों के द्वारा कुछ स्तर पर पारस्परिक क्रिया होती थी।

अल्लाबी ने उल्लेख किया है, ‘‘किसी भी मामले में बोउल्डनोर क्लिफ्फ की बहुधा यात्रा करने वाले लोग इस बात से भली प्रकार से वाकिफ थे कि उत्पाद और तकनीक का विकास यूरोप के दूरस्थ हिस्से में हो रहा है और उन्होंने सामान और विचार का ब्रिटेन में आयात किया होगा।’’ बोउल्डनोर क्लिफ्फ भी 11 मीटर पानी में डूबा हुआ है और वैज्ञानिकों ने यहां गेहूं का डीएनए बरामद किया है जिसका इस्टर्न स्ट्रेन में पाए गए डीएनए से मिलान पाया गया है।

दल ने अन्न पौधों का या अन्य कोई पुतात्कि प्रमाण नहीं पाया जिससे यह साबित हो सके कि गेहूं का यहां उत्पादन किया जाता था। यूरोप में कृषि का धीरे-धीरे प्रसार प्राचीन अनातोलिया (आधुनिक तुर्की) से हुआ। अनातोलिया में गेहूं सहित अन्य पोषित पादपों की खेती करीब 10,000 वर्ष पूर्व होने लगी थी। इसकी खेती भूमध्यसागरीय क्षेत्र और मध्य यूरोप में विकसित होती गई।

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