ये हैं अमरीकी इतिहास के सबसे बड़े तूफान

Wednesday, Jan 28, 2015 - 06:41 AM (IST)

न्यूयार्क/माप्लेवुड: अमरीका के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में आए जबरदस्त बर्फीले तूफान से 6 करोड़ से भी ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अमरीका के राष्ट्रीय मौसम विभाग ने क्षेत्र में 90 सैंटीमीटर तक बर्फबारी होने की चेतावनी जारी की है।

हवा की रफ्तार, उससे होने वाली आर्थिक हानि, मौतें तथा उसकी तीव्रता तूफान की आवृत्ति को परिभाषित करने वाले कुछ कारक हैं। आमतौर पर तूफान में सर्वाधिक जन हानि हवा की बजाय तूफान से आने वाली बाढ़ आदि से होती है। अमरीकी इतिहास में सर्वाधिक खतरनाक पांच चक्रवातीय तूफानों में से कोई भी श्रेणी-5 का नहीं था।

ग्रेट गाल्वेस्टन हरिकेन
अमरीका से टकराने वाला सर्वाधिक जानलेवा चक्रवातीय तूफान वर्ष 1900 का ‘द ग्रेट गाल्वेस्टन हरिकेन’ था, जिस कारण 8,000 से 12,000 मौतें हुईं। यह तूफान 8 सितम्बर को गाल्वेस्टन के दक्षिण टैक्सास तट पर पहुंचा जो कैटेगरी 4 का तूफान था। 

ओकीचोबी हरिकेन
1928 में 2500 से 3000 जानें लेने वाला ओकीचोबी हरिकेन अमरीकी इतिहास का दूसरा सर्वाधिक जानलेवा तूफान था। इसमें अधिकतर मौतें लेक ओकीचोबी से उठने वाली 6 से 9 फीट ऊंची लहरों के कारण हुईं जिन्होंने झील के आसपास बसे कस्बों पर कहर बरपाया। 

हरिकेन कैटरीना
2005 में आया ‘कैटरीना’ चक्रवात अमरीकी इतिहास का तीसरा सबसे खतरनाक तूफान था जिसमें कम से कम 1500 लोग मारे गए।  कैटरीना चक्रवात के दौरान सबसे अधिक 25 से 28 फुट ऊंची लहरें मिसिसिपी तट के पास उठीं। इनके अलावा 1893 में आए लूसियाना हरिकेन तथा सेंट कैरोलीना/ जार्जिया नामक तूफानों में क्रमश: 1100 से 1400 तथा 1000 से 2000 तक लोग मारे गए।

सर्वाधिक नुक्सान पहुंचाने वाले तूफान
आमतौर पर माना जाता है कि उच्च कैटेगरी के तूफानों के मुकाबले निम्र कैटेगरी के तूफान कम नुक्सान पहुंचाते हैं, मगर ऐसा नहीं है। ‘कैटरीना’ अमरीकी इतिहास का सर्वाधिक नुक्सान पहुंचाने वाला तूफान था और यह केवल कैटेगरी-3 का था। इससे उस समय 108 अरब डालर से अधिक की सम्पत्ति का नुक्सान हुआ था। अमरीका में सर्वाधिक नुक्सान पहुंचाने वाले 5 शीर्ष चक्रवातीय तूफानों में केवल ‘हरिकेन एंड्रयू’ ही कैटेगरी-5 का था जिससे 26.5 अरब डालर का नुक्सान हुआ था।

2012 में हरिकेन सैंडी जिसे ‘सुपरस्टॉर्म सैंडी’ के नाम से भी जाना जाता है, के कारण 71.4 अरब डालर का नुक्सान हुआ था और 286 लोग मारे गए थे।  2008 में आए कैटेगरी-2 के ‘हरिकेन आइके’ के कारण 29.5 अरब डालर का नुक्सान हुआ था और कम से कम 195 लोग मारे गए थे।

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