शिखर वार्ता के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम, चप्पे चप्पे पर रखी जाएगी नजर

Saturday, Jun 09, 2018 - 01:04 PM (IST)

सिंगापुरः सिंगापुर की छवि सख्त नियम और कानून वाले देश की है और शायद इसी लिए इसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता के लिए चुना गया है। यहां चल रही तैयारियों से लगता है कि यह दोनों देशों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।  यहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के साथ ही नेपाली गोरखों के कंधों पर है। पूरी तरह से चौकन्ना ये जवान सड़कों पर फैल कर चप्पे चप्पे पर नजर रखेंगे और कार्यक्रम से जुड़े मुख्य स्थानों की ओर जाने वाले मार्गों को बंद कर देंगे।

इस दौरान प्रदर्शन के तमाम रूपों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। कुछ मुख्य सड़कों पर ठोस अवरोधक और बटन दबाते ही जमीन से निकलने वाले मैकैनिकल मेटल बैरियर्स लगाए जा सकते हैं। यहां के नागरिकों के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था , मेट्रो में वर्दीधारी अधिकरियों की गश्त अथवा हवाई अड्डों सशस्त्र सैनिकों की मौजूदगी आम बात है क्योंकि सरकार ने अपने लोगों के दिलों दिमाग में यह बात गहराई से बैठा दी है कि दुनिया के अमीर तरीन स्थानों में शामिल यह जगह आंतकवादी हमलों के लिए मुख्य लक्ष्य हो सकती है, लेकिन इस बार की तैयारी अभूतपूर्व हो सकती है और इससे जन जीवन पर असर पड़ सकता है।

संगीत अध्यापक जेनिस तान (28) ने एएफपी से कहा कि ये सुरक्षा व्यवस्था ‘‘ बेहद असुविधाजनक ’’ हैं खासतौर पर सड़कों को बंद करने से असुविधा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मुझे वैश्विक शांति की ङ्क्षचता है लेकिन अच्छा होता कि वे कहीं और बैठक करते।  जिन स्थानों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें रिजॉट आइलैंड सेनटोसा शामिल है। यहीं दोनों नेता मुलाकात करेंगे साथ ही। इसके अलावा होटल शांग्री-ला की ओर जाने वाला मार्ग भी बंद रहेगा। ट्रंप के यहीं रूकने की उम्मीद है।  

Isha

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