ग्लोबल वार्मिंग का असरः ग्रीनलैंड में 24 घंटे में पिघली 1100 करोड़ टन बर्फ की चादर

Saturday, Aug 03, 2019 - 11:41 AM (IST)

लॉस एंजलिसः ग्लोबल वार्मिंग से पर्यावरण को खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी का परिणाम है कि उत्तरी अटलांटिक महासागर स्थित ग्रीनलैंड में गुरुवार को सबसे गर्म दिन रहा। इसके चलते वहा सिर्फ एक दिन में 1100 करोड़ टन बर्फ की चादर पिघल गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक एक महीने में समुद्र का जल स्तर 0.1 मिलीमीटर या 0.02 इंच बढ़ने की आशंका है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि पिघला हुआ हिस्सा 40 लाख से अधिक ओलम्पिक पूल के पानी के बराबर था। एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीनलैंड में गर्मियों में बर्फ की चादर पिघलती है। मई के आखिरी दिनों में शुरू होने वाली यह प्रक्रिया इस बार जल्दी ही शुरू हो गई है। यह पिछले चार महीने से पिघल रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जुलाई महीना इस बार सबसे गर्म रहा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं।

22 डिग्री सेल्सियस तापमान है और सिर्फ 24 घंटों में 1200 करोड़ टन बर्फ बिघल गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 150 के बाद इस साल सबसे ज्यादा बर्फ पिघली है। जुलाई महीने में ही केवल 19 हजार 700 करोड़ टन बर्फ की चादर पिघली है। यह 8 करोड़ ओलम्पिक स्विमिंग पूल के पानी के बराबर है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल संभावित पिघलने की दर 6 से 7 हजार करोड़ टन है, जो कि बहुत ज्यादा है।

Tanuja

Advertising