पाकिस्तान से नाराज चीन अब एेेसे कसेगा लगाम

Wednesday, Jan 11, 2017 - 12:03 PM (IST)

बीजिंगः आतंकवाद को रोकने में नाकाम पाकिस्तान से नाराज चीन ने इश पर लगाम कसने के लिए अब और कड़ा फैसला लेने का फैसला किया है। शिन्जियांग सरकार के प्रमुख के हवाले से सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने  बताया कि चीन में पाकिस्तान के साथ बॉर्डर पर सिक्योरिटी बढ़ाई जाएगी और उसे सील किया जाएगा, ताकि इस क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को रोका जा सके। इसे चीन के उस पाकिस्तानी रवैए पर नाराजगी मानी जा रही है, जिसमें वह शिन्जियांग में आतंकियों की घुसपैठ रोकने में नाकाम रहा था। 

बता दें कि पाकिस्तान चीन का बहुत पुराना और भरोसेमंद दोस्त रहा है। शिन्जियांग की कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने चिंता जताई है कि विद्रोहियों को पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ट्रेनिंग मिल रही है और इसके बाद वह प्रांत में आतंकी हमले कर रहे हैं। रविवार को शिन्जियांग के होतन प्रांत में 3 आतंकी मारे गए थे। इससे पहले उन्होंने होतन में 28 दिसंबर को 5 लोगों की हत्या कर दी थी। चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्री ‘एवरग्रीन दोस्ती’ की बात करते हैं लेकिन शिन्जियांग के नेताओं की स्थानीय आतंकियों और पाकिस्तान में मौजूद तालिबान से गहरे संबंध होने से चिंताएं बढ़ रही हैं। 

स्थानीय पीपल कांग्रेस में शिन्जियांग के चेयरमैन शोहरत जाकिर ने कहा कि सरकार ने अंदर आने और बाहर जाने के तरीकों से लोगों के बॉर्डर पार करने के गैरकानूनी तरीकों पर लगाम लगाने के कदम उठाए हैं। इसके अलावा काशगार प्रांत के कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख ने भी पाकिस्तान से सटे बॉर्डर पर घुसपैठ पर नजर रखने की पैरवी की।काशगार में कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता ने कहा कि हाल के वर्षों में प्रांत में हुए हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों को देश के बाहर ट्रेनिंग मिली थी और इसके बाद वह वापस आ गए। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के लिए कई बार चीन भारत को सीधे तौर पर धमकी दे चुका है। संयुक्त राष्ट्र में भी उसके पाकिस्तान का कई बार पक्ष लिया है।

हाल ही में भारत की अग्नि-4 मिसाइल के सफल परीक्षण से चीन बौखला गया था। उसने भारत को धमकी दी थी अगर वह अपनी लंबी दूरी की मिसाइल (एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक मार करने वाली) क्षमता में बढ़ोतरी करता रहा तो वह अपने पुराने और भरोसेमंद दोस्त पाकिस्तान की मदद करेगा। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा था कि अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लंबी दूरी अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइलों पर कोई आपत्ति नहीं है, तो ठीक है। पाकिस्तान की परमाणु मिसाइलों में भी इजाफा देखने को मिलेगा।

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