मिटने की कगार पर यह देश, सारे नागरिक सम्मान सहित ऑस्ट्रेलिया में हो जाएंगे शिफ्ट !
punjabkesari.in Saturday, Aug 09, 2025 - 04:58 PM (IST)

International Desk: प्रशांत महासागर का छोटा सा द्वीपीय देश तुवालु अब मानचित्र से मिटने के खतरे में है। जलवायु परिवर्तन और बढ़ते समुद्र स्तर ने यहां के लोगों का भविष्य ही छीन लिया है। हालात इतने गंभीर हैं कि पूरा देश योजनाबद्ध तरीके से ऑस्ट्रेलिया में बसने की तैयारी कर रहा है। यह दुनिया के इतिहास में पहली बार होगा, जब एक संप्रभु देश की पूरी जनसंख्या आधिकारिक वीजा और समझौते के तहत किसी दूसरे देश में माइग्रेट करेगी।
तुवालु नौ प्रवाल द्वीपों वाला देश है, जहां लगभग 11,000 लोग रहते हैं। समुद्र तल से इसकी अधिकतम ऊंचाई सिर्फ 16 फीट है, जो इसे जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे संवेदनशील देशों में शामिल करती है। रिसर्च के अनुसार, अगले 25 वर्षों में इसकी ज्यादातर जमीन जलमग्न हो जाएगी। नासा की रिपोर्ट बताती है कि 2023 में यहां समुद्र स्तर पिछले 30 वर्षों की तुलना में 15 सेंटीमीटर बढ़ चुका है, और 2050 तक अधिकांश भूमि व बुनियादी ढांचा डूब जाएगा। इस खतरे को देखते हुए 2023 में तुवालु और ऑस्ट्रेलिया ने ‘फलेपिली यूनियन ट्रीटी’ पर हस्ताक्षर किए।
इसके तहत हर साल 280 तुवालु नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया में स्थायी निवास मिलेगा, जिसमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आवास और नौकरियों के पूरे अधिकार शामिल होंगे। यह कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से चल रहा है और एक दशक के भीतर करीब 40% आबादी ऑस्ट्रेलिया में बस चुकी होगी। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि यह प्रवासन योजना तुवालु के लोगों को सम्मानजनक जीवन का अवसर देगी। वहीं, यूएनएसडब्ल्यू सिडनी के काल्डोर सेंटर की प्रोफेसर जेन मैकएडम का कहना है कि यह समझौता जलवायु शरणार्थियों के लिए एक मिसाल है। तुवालु सरकार ने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे अन्य देशों के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि कोई और देश अपने अस्तित्व को यूं खोने पर मजबूर न हो।