ट्रंप ने भारत का कर मुक्त देश का दर्जा किया समाप्त, व्यापार में मिलने वाली छूट करेगा बंद

Tuesday, Mar 05, 2019 - 12:17 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका ने अपने बाजारों तक उसकी पहुंच प्रदान करने में विफल रहने के बाद भारत के कर मुक्त देश के दर्जे को समाप्त कर दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कांग्रेस (संसद) को एक पत्र जरिए यह जानकारी दी है। अमेरिकी कानून के मुताबिक यह बदलाव नोटिफिकेशन जारी होने के 2 महीने बाद लागू हो पाएंगे। अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम में शामिल देशों को विशेष तरजीह दी जाती है। अमेरिका उन देशों से एक तय राशि के आयात पर शुल्क नहीं लेता।

क्या है GSP?
GSP यानी जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज। अमेरिका ने GSP की शुरुआत 1976 में विकासशील में आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए की थी जिसके तहत चुनिंदा गुड्स के ड्यूटी-फ्री या मामूली टैरिफ पर इम्पोर्ट की अनुमति दी जाती है। अभी तक लगभग 129 देशों को करीब 4,800 गुड्स के लिए GSP के तहत फायदा मिला है। इसके तहत मुख्य तौर पर ऐनिमल हस्बैंड्री, मीट, मछली और हस्तशिल्प जैसे कृषि उत्पादों को शामिल किया गया है। इन उत्पादों को आम तौर पर विकासशील देशों के उत्पाद के तौर पर देखा जाता है। अमेरिका और ब्रिटेन के साथ-साथ यूरोपियन यूनियन भी विकासशील देशों से GSP के तहत कुछ वस्तुओं का आयात करते हैं। यूएस ट्रेड रेप्रिजेंटटिव ऑफिस के मुताबिक GSP का उद्देश्य विकासशील देशों को अपने निर्यात को बढ़ाने में मदद करना है ताकि उनकी अर्थव्यवस्था बढ़ सके और गरीबी घटाने में मदद मिल सके।

भारत पर इसका क्या असर होगा ?
अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम के लाभार्थी विकासशील देशों के उत्पादों पर यूएस में कोई आयात शुल्क नहीं लगता। इसके तहत भारत को 5.6 अरब डॉलर (40,000 करोड़ रुपए) के एक्सपोर्ट पर छूट मिलती है। जीएसपी से बाहर होने पर भारत को यह फायदा नहीं मिलेगा। भारत जीएसपी का सबसे बड़ा लाभार्थी देश है। 

भारत ने अमेरिका को नहींं दिया आश्वासन
ट्रम्प ने सोमवार को कांग्रेस को बताया कि “मैं प्राथमिकताओं" के सामान्यीकरण प्रणाली (जीएसपी) कार्यक्रम के विकासशील देश के तौर पर भारत को प्राप्त उपाधि को समाप्त करने की सूचना प्रदान कर रहा हूं। मैं यह कदम इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि अमेरिका तथा भारत सरकार के बीच मजबूत संबंध के बावजूद मैंने यह पाया है कि भारत ने अमेरिका को यह आश्वासन नहीं दिया है कि वह अपने बाजारों में उसकी न्यायसंगत और उचित पहुंच प्रदान करेगा। इसके साथ ही ट्रम्प ने एक अलग पत्र में कांग्रेस को बताया है कि उन्होंने आर्थिक विकास के आधार पर तुर्की के कर मुक्त देश के दर्जे को भी समाप्त कर दिया है।

दोनों देशों के बीच होता है 80 हजार करोड़ रुपए का कारोबार
बता दें अभी भारत से अमेरिका आने वाले सामान पर किसी भी प्रकार का कर नहीं लगता है। अमेरिका के ट्रेड ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में सालाना करीब 40 हजार करोड़ रुपए का सामान भारत से अमेरिका जाता है। जबकि अमेरिका से करीब 20 करोड़ रुपए का सामान भारत आता है। यदि भारतीय कंपनियों की ओर से अमेरिका में दी जाने वाली सेवाओं को भी जोड़ दें तो यह करीब 60 हजार करोड़ रुपए का कारोबार हो जाता है। दोनों देशों के बीच गुड्स और सेवाओं को मिलाकर सालाना करीब 80 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है। यह आंकड़े वित्त वर्ष 2017 के हैं।

पिछले हफ्ते भी ट्रम्प ने दी थी धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत में आयात शुल्क बहुत ज्यादा है। अमेरिका से जाने वाली एक बाइक पर भारत 100% टैरिफ वसूलता है, जबकि वहां से आने वाले इसी तरह के सामान पर अमेरिका कोई टैक्स नहीं लेता। उन्होंने कहा कि हम भी भारतीय आयात पर बराबर टैरिफ लगाएंगे।

Isha

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