राजदूत हैदरी ने शेयर किया अफगानिस्तान की तबाही का वीडियो, दिखाया तालिबान ने कैसे तबाह किया देश
Saturday, Jul 31, 2021 - 01:15 PM (IST)
काबुलः हालिया दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान सुरक्षा बालों के साथ ही आम लोगों पर भी हमला तेज कर दिया है। तालिबान का दावा है कि अफगानिस्तान के दो तिहाई इलाके पर अब उसका नियंत्रण है। तालिबान से त्रस्त होकर कांधार प्रदेश के लोग भागकर अफगान सरकार द्वारा स्थापित शरणार्थी शिविर में शरण ले रहे हैं। अफगानिस्तान के कंधार में मशहूर कॉमेडियन मिस्टर नज़र मोहम्मद उर्फ खाशा की मौत से पहले का एक खौफनाक वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर अफगानिस्तान के हालात को लेकर पोस्ट की बाढ़ आ गई है। पूरी दुनिया अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात को लेकर टेंशन में है। इस बीच श्रीलंका में अफगानिस्तान के राजदूत एम. अशरफ हैदरी @MAshrafHaidari ने तालिबान के हाथों हुई अफगानिस्तान की तबाही का एक वीडियो शेयर किया है।
This 140-second clip best captures the before and after of Afghanistan under Taliban and since their fall in 2001. No Afghan wishes to return to the Stone Age under #Taliban, nor should any of our neighbors wish to see our hard-won gains reversed, as our futures are intertwined. pic.twitter.com/GIB5Udkr7v
— Ambassador M. Ashraf Haidari (@MAshrafHaidari) July 30, 2021
हैदरी द्वारा शेयर किए गए 140-सेकंड के इस क्लिप में दिखाया गया है कि 2001 में तालिबान के कहर के बाद अफगानिस्तान का किस तरह पतन हुआ। वीडियो शेयर करते हुए हैदरी ने लिखा कि कोई भी अफगान नागरिक तालिबान के तहत पाषाण युग में वापस नहीं आना चाहता, न ही हमारे किसी भी पड़ोसी को हमारी मेहनत से विकसित देश को तबाह करने का अधिकार है क्योंकि हमारा भविष्य आपस में जुड़ा हुआ है।
बता दें कि अफगानिस्तान में पिछले चार दशकों में चल रहे संघर्ष के कारण लाखों अफगानी मारे गए हैं। एरियाना न्यूज द्वारा ट्विटर पर पोस्ट की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि कंधार में पिछले 20 दिनों में लड़ाई के कारण 22000 परिवार विस्थापित हुए हैं। हाल ही में मौतों का प्रमुख कारण अफगानिस्तान के पड़ोसी पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवादी हमले और सीधी गोलीबारी रही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन के 6000 लड़ाके तालिबान की ओर से अफगानिस्तान में लड़ रहे हैं। इससे अफगानिस्तान के हालात और खराब हो रहे हैं।
विदेशी सैनिकों की वापसी और करीब 20 सालों तक चले युद्ध के बाद एक बार फिर अफगानिस्तान तालिबान के हाथ में जाता नजर आ रहा है। आतंकी संगठन 85 फीसदी मुल्क पर कब्जे का दावा कर रहा है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान तालिबान का पूरा समर्थन कर रहा है। अफगान सेना के कई जवान तालिबान लड़ाकों से बचने के लिए सीमा पार कर ताजिकिस्तान जा चुके हैं। ऐसे में अफगानिस्तान हर तरफ से अकेला पड़ चुका है। अमेरिकी रिपोर्ट्स अफगानिस्तान में तख्तापलट से लेकर गृह युद्ध का दावा कर रही हैं।