अफगानिस्तान चुनाव दौरान धमाकों व हिंसा में 67 की मौत , सैंकड़ों घायल

Sunday, Oct 21, 2018 - 03:04 PM (IST)

काबुलः  अफगानिस्तान में  3 वर्षों की देरी से  20 अक्टूबर को संसदीय चुनाव के लिए हुए मतदान में 67 लोग हिंसा की बलि चढ़ गए और कम से कम 126 लोग घायल बताए जा रहे हैं। आतंकवादी संगठन तालिबान लगातार लोगों को मतदान में शामिल न होने की धमकी दे रहा था। तालिबान का कहना था कि जो लोग चुनाव में शामिल होंगे वे जान से हाथ धो बैठेंगे। लेकिन आतंकी धमकियों के  बावजूद लोगों ने मतदान में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने सुरक्षाबलों और मतदान केंद्रों के खिलाफ 193 हमलों को अंजाम दिया, जिसमें कम से कम 67 लोग मारे गए। मारे गए लोगों में 27 आम नागरिक, 9 सुरक्षाबलों के जवान और 31 विद्रोही थे।

अफगानिस्तान के डिप्टी इंटीरियर मिनिस्टर अख्तर मोहम्मद इब्राहिमी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शनिवार को सुबह 7 बजे से शाम को 6 बजे तक चलने वाले संसदीय मतदान को निशाना बनाने की तालिबान ने धमकी दी थी। हमलों में काबुल में अंजाम दिया गया आत्मघाती हमला भी शामिल है। शनिवार को कई मतदान केंद्र घंटों देरी से खुले जिससे अफरा-तफरी पैदा हो गई। तकनीकी गड़बड़ी और कर्मचारियों की कमी के कारण मतदान देरी से शुरू हुआ।पुलिस ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या 19 हो गई है और करीब 100 लोग घायल हुए हैं। उत्तरी शहर कुंदुज में हिंसा के कारण मतदान बाधित हुआ। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि यहां तीन लोग मारे गए और 39 अन्य घायल हुए हैं। प्रांत की राजधानी पर राकेट से 20 हमले हुए हैं।

स्वतंत्र चुनाव आयोग (IEC) के निदेशक मोहम्मद रसूल उमर ने बताया कि कुंदुज से कई किलोमीटर दूर एक मतदान केंद्र पर तालिबान के हमले में आइईसी का एक कर्मचारी मारा गया और कई अन्य लापता हैं। हमले में बैलेट बॉक्स तबाह हो गए। नानगरहार प्रांत में आठ धमाके हुए। प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता ने बताया कि दो लोग मारे गए हैं और पांच अन्य घायल हुए हैं। प्रारंभिक आंकड़ों में बताया गया है कि 27 प्रांतों के चुनाव में मतदान केंद्रों पर 15 लाख मतदाता जुटे। चुनाव आयोजकों ने बताया कि कई मतदाता घंटों तक प्रतीक्षा करते रहे।

अधिकांश मतदान केंद्र प्रक्रिया की देखरेख करने के लिए नियुक्त शिक्षकों के विफल रहने के कारण देरी से खुले। चुनाव आयोग ने कहा है कि 371 मतदान केंद्रों पर रविवार तक मतदान बढ़ाया जा सकता है। प्रारंभिक चुनाव तीन वर्ष देरी से हो रहा है। 2001 में तालिबान के पतन के बाद यह तीसरा चुनाव है। हमले के कारण कंधार में मतदान एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया है। चुनाव लड़ रहे 2500 से ज्यादा प्रत्याशियों में से 10 की हत्या हो चुकी है। प्रारंभिक परिणाम 10 नवंबर को जारी किए जाएंगे।

Tanuja

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