संकट में अफगानिस्तान, ठप्प होने के कगार पर बैंकिंग सिस्टम: UNDP report

Wednesday, Nov 24, 2021 - 01:42 PM (IST)

काबुलः अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से यहां के लोगों के बुरे दिन शुरू हो गए। आतंकी हमले, भुखमरी, बेरोजगारी के बाद अब अफगानिस्तान के सामने एक नया  व बड़ा संकट खड़ा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक अफगानिस्तान  का बैंकिंग सिस्टम कभी भी ध्वस्त हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने  अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में बैंकिंग और फाइनेंशियल सिस्टम ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में अफगानिस्तान के बैंकों को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कार्रवाई करने पर जोर दिया जाना चाहिए।

 

संयुक्त राष्ट्र संघ ने चेतावनी दी कि कर्ज चुकाने में असमर्थ नागरिकों, कम जमा और नकदी की कमी के कारण वित्तीय प्रणाली कुछ महीनों के भीतर ही ध्वस्त हो सकती है।  रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली पर तीन-पेज की रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली के ध्वस्त होने पर उसको फिर से बनाने में लगने वाली आर्थिक लागत और उसके नकारात्मक सामजिक प्रभावी बहुत भयावह होंगे।  अफगानिस्तान में तालिबान के अगस्त में सत्ता सम्भालने के बाद उपजी अनिश्चितता के कारण अचानक पीछे हटे विदेशी निवेश ने वहां की अर्थव्यवस्था को फ्रीफॉल में ले जाने का कार्य किया।

 

संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को एक आपातकालीन रिपोर्ट जारी करते हुए अफगानिस्तान के बैंकों को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कार्रवाई करने पर जोर दिया।  उन्होंने चेतावनी दी कि ऋण चुकाने में असमर्थ नागरिकों, कम जमा और नकदी की कमी के कारण बैंकिंग प्रणाली पर एक गंभीर दबाव पडा। इसीलिए वहां पर नकदी को खत्म होने से रोकने के लिए साप्ताहिक निकासी की एक सीमा का निर्धारण करने की आवश्यकता पड़ी थी।

 

UNDP ने बैंकिंग प्रणाली को बचाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें एक जमा बीमा योजना, लघु और मध्यम अवधि की जरूरतों के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी के साथ ही साथ क्रेडिट गारंटी और ऋण चुकाने में देरी का विकल्प शामिल है।  UNDP  ने अफगान वित्तीय प्रणाली को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों  जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक के साथ भी  काम करने को कहा है।

Tanuja

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