जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए लंदन विश्वविद्यालय में गोमांस बैन

Wednesday, Aug 14, 2019 - 01:58 PM (IST)

लंदनः ब्रिटेन के एक कॉलेज ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अपने परिसर से गोमांस पर प्रतिबंध लगा दिया है, ऐसा करने वाला वह ब्रिटेन का पहला उच्च शिक्षा संस्थान बन गया है। अगले महीने से लंदन विश्वविद्यालय के हिस्सा गोल्डस्मिथ में अब अपने परिसर में कहीं भी गोमांस न बेचने का फैसला किया है । यह अपने बोतलबंद पानी और प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए एक small levy भी पेश करेगा।



गोल्डस्मिथ के प्रमुख फ्रांसेस कॉर्नर ने कहा, "जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए संगठनों को अपनी बढ़ती जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा है।" कॉर्नर ने कहा कि इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा पर स्विच करना और कार्बन न्यूट्रल बनना है - इसका मतलब यह है कि 2025 तक इससे अधिक कार्बन उत्सर्जन नहीं होगा।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार पशुधन खेती ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का एक प्रमुख चालक है, जो दुनिया के दसवें हिस्से के पानी का उपभोग करता है और बड़े पैमाने पर वनों की कटाई का कारण बनता है। संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) ने कहा है कि वनों और वनों की कटाई और नष्ट होने कारण धरती का तापमान बढ़ सकता है।



इससे पहले पिछले साल लंदन में 11 दिनों तक चले कड़े विरोध प्रदर्शन के बाद ब्रिटेन की संसद ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन को लेकर आपातकाल घोषित कर ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश बन गया था। खास बात यह रही कि इस आशय का प्रस्ताव विपक्ष की तरफ से पेश किया गया। औद्योगिक क्रांति के बाद से पृथ्वी का औसत तापमान साल दर साल बढ़ रहा है।

IPCC की रिपोर्ट ने पहली बार इससे आगाह किया था। अब इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। गर्मियां लंबी होती जा रही हैं, और सर्दियां छोटी। पूरी दुनिया में ऐसा हो रहा है। प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति और प्रवृत्ति बढ़ चुकी है। ऐसा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की वजह से हो रहा है।

Tanuja

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