पाकिस्तान में बाढ़ संबंधी घटनाओं में 937 लोगों की गंवाई जान, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ‘आपातकाल' घोषित

punjabkesari.in Saturday, Aug 27, 2022 - 07:38 AM (IST)

इस्लामाबादः भारी बारिश के चलते बाढ़ के हालात बनने के बीच शुक्रवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कई जिलों में तत्काल प्रभाव से ‘आपातकाल' की घोषणा की गई जोकि 30 अगस्त तक प्रभावी रहेगा। आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा स्वात नदी के उफान पर पहुंचने के संबंध में आगाह किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया। 
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पाकिस्तान में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में अब तक 343 बच्चों समेत 937 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कम से कम तीन करोड़ लोगों के बेघर होने की सूचना है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, सिंध प्रांत में 14 जून से बृहस्पतिवार तक बाढ़ और बारिश से संबंधित घटनाओं में 306 लोगों की जान जा चुकी है। मानसून के मौजूदा मौसम में बलूचिस्तान में 234 लोगों की मौत हुई, जबकि खैबर पख्तूनख्वा तथा पंजाब प्रांत में क्रमशः 185 और 165 लोगों की जान चली गई। 
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वहीं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 37 और गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में नौ लोगों की मौत हुई है। समाचार पत्र ‘डॉन न्यूज' की खबर के अनुसार, एनडीएमए के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में अगस्त माह में 166.8 मिमी बारिश हुई, जो इस अवधि में औसतन होने वाली 48 मिमी बारिश से 241 प्रतिशत अधिक है। इस मानसून में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र सिंध और बलूचिस्तान में क्रमश: 784 प्रतिशत और 496 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। खबर के अनुसार, बारिश में असामान्य वृद्धि के कारण पाकिस्तान के दक्षिणी हिस्से में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके कारण सिंध के 23 जिलों को ‘‘आपदा प्रभावित'' घोषित किया गया है। 
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इस बीच, जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एनडीएमए में एक ‘वॉर रूम' स्थापित किया है, जो देशभर में राहत कार्यों का नेतृत्व करेगा। उन्होंने बताया कि लगातार हो रही ‘‘भयावह'' बारिश के कारण ‘‘राहत कार्यों को अंजाम देने में परेशानी आ रही है, खासकर हेलीकॉप्टर के माध्यम से।'' 
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मंत्री ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ पाकिस्तान में मानसून का आठवां दौर जारी है, आम तौर पर देश में मानसून की बारिश तीन से चार दौर में ही होती है। पाकिस्तान अभूतपूर्व मानसून का सामना कर रहा है और आंकड़ों के अनुसार सितंबर में एक और दौर आने की आशंका है।''
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इस सप्ताह की शुरुआत में 2010 की विनाशकारी बाढ़ के साथ मौजूदा स्थिति की तुलना करने वाली रहमान ने कहा कि मौजूदा स्थिति उससे बदतर है। मंत्री के अनुसार, भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में देश के विभिन्न क्षेत्रों में पुल और संपर्क के बुनियादी ढांचे बह गए। उन्होंने कहा, ‘‘ करीब तीन करोड़ लोग बेघर हो गए हैं...उनमें से कई के पास खाने को कुछ नहीं है।'' अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद की गुहार लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रांतों ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार वहां मदद की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सिंध प्रशासन ने 10 लाख और बलूचिस्तान ने एक लाख तंबू की मांग की है। सभी तंबू बनाने वालों से सम्पर्क किया गया है और अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं से भी मदद मांगी गई है। 


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Content Writer

Pardeep

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