खतना प्रथा के आंकड़े बेहद डरावने, संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी

Thursday, Feb 08, 2018 - 10:24 AM (IST)

संयुक्त राष्ट्र: अंतर्राष्ट्रीय खतना विरोध दिवस पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने चेतावनी दी है कि अगर खतने के खिलाफ कार्रवाई तेज नहीं की गई तो साल 2030 तक छह करोड़ 80 लाख लड़कियों का खतना किया जा सकता है। गुतारेस ने  कहा कि खतने की प्रथा महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि तीन महाद्वीपों के 30 देशों में 20 करोड़ से अधिक महिलाओं और लड़कियों का खतना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि का कहना है कि हर वर्ष 39 लाख लड़कियों का खतना होता है और एक अनुमान के मुताबिक अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो वर्ष 2030 तक इनकी संख्या बढ़कर 46 लाख पर पहुंच जाएगी। एजेंसी के कार्यकारी निदेशक नतालिया कानेम ने वर्ष 2030 तक इस प्रथा के उन्मूलन के संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वृहद राजनीतिक इच्छाशक्ति की अपील की।

उधर,आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट ऑफ ईराक एंड सीरिया (ISIS) के एक फरमान में ईराक की महिलाओं के समक्ष गंभीर संकट पैदा कर दिया है।आईएसआईएस ने उसके कब्‍जे वाले ईराक के हिस्‍सों में 11 से 46 साल तक की महिलाओं के खतने का फतवा सुनाया है। यह फतवा गृहयुद्ध से जूझ रहे इस देश की लाखों महिलाओं को प्रभावित कर सकता है। ईराक के दूसरे बड़े शहर मोसुल पर आतंकियों ने कब्‍जा कर लिया था।

इसके अलावा उत्तर-पश्चिम के कई अन्‍य इलाकों पर भी आतंकियों का कब्‍जा है।आतंकियों ने अपने कब्‍जे वाले इन इलाकों में अब अपना कट्टर एजेंडा लागू करना शुरू कर दिया है। अपने एजेंडे को लागू करने के लिए आतंकी इस्‍लाम की अपने तरीके से ही व्‍याख्‍या करके उसे वहां की जनता पर थोपने में जुटे हुए हैं।

हालांकि, ईराक के कुछ सुदूर हिस्‍सों में तो महिलाओं का खतना अब भी किया जाता है, लेकिन सामान्‍य तौर पर इराक में यह एक आसामान्‍य सी बात है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के एक अधिकारी ने बताया कि हमें जल्‍दी में ही इस फतवे के बारे में जानकारी मिली है, लेकिन आईएसआईएस के इस फतवे से ईराक में करीब 40 लाख महिलाएं प्रभावित होंगी. खबर है कि आतंकियों के कब्‍जे वाले मोसुल शहर में अब सिर्फ 20 ईसाई परिवार रह गए हैं।

Advertising