मिस्र के कॉप्टिक चर्चों पर आईएसआईएस के विस्फोटों में 45 व्यक्तियों की मौत, 119 घायल

Sunday, Apr 09, 2017 - 11:31 PM (IST)

काहिरा : मिस्र के दो शहरों तांता और एलेक्जेंड्रिया में रविवार की प्रार्थना के लिए कॉप्टिक चर्चों में जुटे श्रद्धालुओं की भीड़ को निशाना बनाते हुए आईएसआईएस द्वारा किए गए दो अलग-अलग बम धमाकों में कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई और 120 अन्य घायल हो गए। हाल के वर्षों में यहां अल्पसंख्यक ईसाइयों पर किया गया यह सबसे बड़ा हमला है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक पहला धमाका काहिरा से करीब 120 किलोमीटर दूर नील डेल्टा में तांता शहर के सेंट जॉर्ज कॉप्टिक चर्च में हुआ। इसमें 27 लोगों की मौत हो गई जबकि 78 अन्य घायल हो गए। सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि शुरआती जांच में संकेत मिले है कि ईस्टर से पहले के रविवार के मौके पर चर्च में इसाई प्रार्थना के दौरान एक शख्स ने चर्च में विस्फोटक उपकरण रखे। हालांकि अन्य का कहना है कि एक आत्मघाती हमलावर ने इस हमले को अंजाम दिया।

विस्फोट में चर्च के हॉल में अगली कतार में बैठे लोगों को निशाना बनाया गया था। इस धमाके में मारे जाने वालों में तांता कोर्ट के प्रमुख सैमुअल जार्ज भी शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि इसके कुछ घंटों बाद अलेक्जेंड्रिया के मनशिया जिले के सेंट माक्र्स कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स कैथेड्रल में भी एक आत्मघाती हमलावर ने धमाका किया। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक एलेक्जेंड्रिया के आत्मघाती बम धमाके में पुलिस कर्मियों समेत कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई जबकि 41 अन्य घायल हो गए।

नवीनतम आंकड़े से तांता और अलेक्जेंड्रिया में हुए विस्फोटों में मरने वालों की संख्या 45 हो गई है। इस्लामिक स्टेट ने दोनों ही विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है। आईएसआईएस की संवाद समिति अमाक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, ‘‘इस्लामिक स्टेट दस्तों ने तांता और अलेक्जेंड्रिया में दोनों गिरजाघरों पर हमलों को अंजाम दिया।’’

मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फह अल सिसी ने बम विस्फोटों के बाद ‘‘महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचों’’ की रक्षा के लिए सैन्य तैनाती का आदेश दिया। राष्ट्रपति भवन की आेर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति सिसी ने आदेश दिया है कि सभी प्रांतों में महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचों की रक्षा के लिए सेना की तैनाती की जाए।’’ 

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