370: युद्ध की धमकी देकर डरा पाक,कुरैशी बोले कूटनीति से सुलझाएंगे मुद्दा
Thursday, Aug 08, 2019 - 07:54 PM (IST)
इस्लामाबाद: जम्मू कश्मीर से 370 हटाकर दो केंद्रशासित राज्यों में बांटने के मोदी सरकार के फैसले से बौखलाए पाकिस्तान की अक्ल अब ठिकाने आते हुए नजर आ रही है। भारत सरकार के फैसले के अगले ही दिन पाकिस्तान के नेताओं ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की गीदड़ भभकी दी थी। लेकिन, भारत के कड़े रुख से डरा पाकिस्तान अब कूटनीति के जरिए हालात से निपटने की बातें कर रहा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनका देश कश्मीर के दर्जे में बदलावों के भारत के फैसले को चुनौती देने के लिए किसी तरह की सैन्य कार्रवाई पर विचार नहीं कर रहा और इसके बजाय राजनीतिक और कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। कुरैशी ने यह बात इस्लामाबाद में गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही चीन की यात्रा करेंगे और उसे भारत द्वारा कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को कम करने के बाद के हालात की जानकारी देंगे।
कानूनी विकल्प तलाश रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि हमारी सरकार भारत के साथ बने मौजूदा हालात से निपटने के लिए कूटनीतिक विकल्पों पर काम कर रहा है। इसके अलावा अनुच्छेद-370 हटाने के खिलाफ कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बारे में विचार नहीं कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दरवाजा खटखटाएगा पाक
विदेश मंत्री कुरैशी ने दावा कि भारत ने कश्मीर में अतिरिक्त सैन्य बल की तैनाती की है। इस समय कश्मीर में 9 लाख जवान मौजूद हैं, जो दुनिया के किसी भी देश में एक जगह तैनात किए गए सैन्य बल से बहुत ज्यादा है। फिलहाल पाकिस्तान ने कश्मीर में चल रही गतिविधियों पर नजर रखने का फैसला किया है। वहीं, पाकिस्तान अनुच्छेद-370 हटाने के भारत के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का दरवाजा खटखटाएगा।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि फेडेरिका मोगेरिनी से बात की और उन्हें कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत के फैसले के बारे में सूचना दी। उन्होंने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज किया कि कश्मीर के हालिया घटनाक्रमों में अमेरिका के साथ पाकिस्तान की भी मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि अमेरिका पहले ही कह चुका है कि भारत ने कश्मीर संबंधी निर्णय के बारे में उसे कोई सूचना नहीं दी। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सतर्क है और सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगा।
अफगानिस्तान के साथ व्यापार को नहीं होगा नुकसान: कुरैशी
कुरैशी ने स्पष्ट किया कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई की वजह से अफगानिस्तान के साथ व्यापार को नुकसान नहीं होगा। अफगानिस्तान के प्रति पाकिस्तान की कटिबद्धता बरकरार है। उन्होंने भारत के इस कथन को खारिज किया कि हालिया निर्णय क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए किया गया है। उन्होंने, ‘‘इसका मतलब यह हुआ कि कश्मीर में पिछले 70 साल से कोई विकास नहीं हुआ है।' कुरैशी ने कहा कि भारत के साथ वार्ता से पाकिस्तान कभी नहीं भागा है। ‘पाकिस्तान उसके और भारत के बीच वार्ता कराने के किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रयास का समर्थन करेगा।'