कंगाल पाकिस्तान के लिए 2023 में बढ़ेंगी मुश्किलें, विश्लेषकों ने दी दिवालिया होने की चेतावनी
Sunday, Jan 29, 2023 - 06:10 PM (IST)
इस्लामाबाद: गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान को मंदहाल हालात से उबरने के लिए दुनियाभर में हाथ फैलाने को मजबूर है। इस बीच विश्लेषकों ने देश को एक और चेतावनी दे दी है। विश्लेषकों के अनुसार 2023 पाकिस्तान के लिए गंभीर चुनौतियों वाला साल साबित हो सकता है। विश्लेषकों के मुताबिक पाकिस्तान कभी भी दिवालिया हो सकता है। रिपोर्टों से पता चला है कि 9,000 से अधिक कंटेनर विभिन्न पाकिस्तानी बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं। जिससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होने का खतरा है। देश में महंगाई दर करीब 30 फीसदी तक पहुंच गई है। इसके अलावा खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।
हालात ये हैं कि बंदरगाहों में फंसे कंटेनरों की निकासी नहीं कर पा रही है। शिपिंग कंपनियां समय पर भुगतान ना करने की वजह से पाकिस्तान के संचालन को निलंबित करने की धमकी दे रही हैं। अगर ऐसा होता है तो इससे आयात और निर्यात दोनों पर बुरा असर पड़ेगा। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के पास विदेशी मुद्रा भंडार में केवल 4.4 बिलियन डॉलर रह गया है जो मुश्किल से तीन सप्ताह के लिए पर्याप्त है। वहीं, कंटेनरों को खाली करने के लिए लगभग डेढ़ से दो बिलियन डॉलर की आवश्यकता है।
आपूर्ति श्रृंखलाओं के टूटने के कारण पाकिस्तान में कारोबार बंद होने का खतरा है क्योंकि घरेलू स्तर पर निर्मित सामान आयातित कच्चे माल पर ही निर्भर हैं। पाकिस्तान में कपड़ा उद्योग भी गंभीर स्थिति में है। ये उद्योग अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के बीच विश्वसनीयता और बाजार हिस्सेदारी खो रहा है। इसके अलावा, पाकिस्तान के अस्पतालों में दवाओं की कमी हो रही है। वहीं, जल्द ही गेहूं, खाद और पेट्रोल जैसी चीजें भी खत्म हो सकती हैं।
इस बीच, प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने लोगों से अपने आयात बिल को कम करने में सरकार की सहायता के लिए पानी, गैस और बिजली जैसे संसाधनों का संरक्षण करने के लिए कहा है। बता दें कि शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार कर्ज पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की सभी शर्तों को पूरा करने पर सहमत हो गई है। शरीफ ने 24 जनवरी को कहा था कि पाकिस्तान का सत्तारूढ़ गठबंधन पैसे के लिए आईएमएफ की कड़ी शर्तों को स्वीकार करके देश की खातिर अपने राजनीतिक करियर का त्याग करने के लिए तैयार है।