एक अरब साल बाद खत्म हो जाएगा धरती का ऑक्सीजन, वैज्ञानिकों ने रिसर्च में किया बड़ा दावा
punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 04:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हम सब जानते हैं कि जीवन के लिए ऑक्सीजन बेहद जरूरी है। लेकिन अगर एक दिन ये जीवनदायिनी गैस ही धरती से गायब हो जाए तो क्या होगा? अब जापान के वैज्ञानिकों ने इसी सवाल का डरावना जवाब दिया है। तोहो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने सुपर कंप्यूटर से लाखों सिमुलेशन करके दावा किया है कि एक अरब साल बाद धरती का ऑक्सीजन खत्म हो जाएगा। जब ऐसा होगा तो न पेड़ बचेंगे और न इंसान और अंततः धरती पर जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
क्या कहती है नई रिसर्च?
यह शोध 'Nature Geoscience' नामक प्रतिष्ठित साइंटिफिक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में सुपर कंप्यूटर की मदद से पृथ्वी के भविष्य का विश्लेषण किया गया है। रिसर्च का नाम है: “The future lifespan of Earth’s oxygenated atmosphere” जापान की Tohoku University के सहायक प्रोफेसर काजुमी ओजकी और उनकी टीम ने यह शोध NASA के Planetary Modeling टूल्स की मदद से किया। उन्होंने कुल 4 लाख सिमुलेशन चलाए और पाया कि पृथ्वी का वायुमंडल ऑक्सीजन से रहित हो जाएगा।
सूरज की गर्मी बनेगी सबसे बड़ा कारण
इस शोध के मुताबिक जैसे-जैसे समय बीतेगा, सूर्य की गर्मी धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी। इसका असर पृथ्वी की सतह और वातावरण पर गहराई से पड़ेगा।
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तापमान बढ़ने से पानी भाप बनकर उड़ने लगेगा
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जिससे धरती पर सूखा फैल जाएगा
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कार्बन चक्र टूटेगा
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और पेड़-पौधे सूख जाएंगे, जो आज ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत हैं
इसका सीधा असर ये होगा कि ऑक्सीजन बनना बंद हो जाएगा और धरती का वातावरण धीरे-धीरे मीथेन गैस से भर जाएगा।
जब ऑक्सीजन नहीं रहेगी, तो जीवन भी नहीं रहेगा
ऑक्सीजन न केवल इंसानों और जानवरों के लिए जरूरी है, बल्कि वो पेड़-पौधों और सूक्ष्म जीवों के लिए भी अनिवार्य है।
जब वातावरण से ऑक्सीजन गायब हो जाएगी:
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जीव-जंतु धीरे-धीरे मरने लगेंगे
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कोई भी सांस लेने लायक जीवन मौजूद नहीं रहेगा
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और धरती पर जीवन का अंत हो जाएगा
यह प्रक्रिया धीरे-धीरे एक अरब वर्षों में पूरी होगी।
पहले कहा गया था 2 अरब साल, अब घटकर 1 अरब!
इससे पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि 2 अरब वर्षों बाद धरती पर जीवन खत्म हो जाएगा, लेकिन अब यह समय घटाकर 1 अरब साल कर दिया गया है। इस बदलाव का कारण है - सूर्य की चमक में लगातार हो रही वृद्धि और धरती पर कार्बन डाईऑक्साइड में संभावित गिरावट।
क्या ये प्रक्रिया रोकी जा सकती है?
फिलहाल इस बदलाव को रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह प्रक्रिया पृथ्वी के प्राकृतिक खगोलीय विकास चक्र का हिस्सा है। यह बदलाव इतनी धीमी गति से होगा कि इंसान इसकी शुरुआत को शायद महसूस भी न कर पाए। लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं है कि हम आज के पर्यावरण संकटों को नजरअंदाज कर दें। यदि हम आज ही ऑक्सीजन और प्रकृति को बचाने के उपाय करें, तो कम से कम आने वाली कई पीढ़ियों को एक सुरक्षित वातावरण मिल सकता है।
ये रिसर्च क्यों है खास?
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अब तक के सबसे विस्तृत सिमुलेशन में से एक
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NASA के Planetary Tools का इस्तेमाल
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पृथ्वी के वायुमंडल के दीर्घकालिक विकास की भविष्यवाणी
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4 लाख वायुमंडलीय सिमुलेशन