शगुन योजना के जरिये सरकार ने क्यों फैलाया जातिवाद और विपक्ष ने क्यों साधी चुप्पी

Monday, Mar 08, 2021 - 03:54 PM (IST)

ऊना(सुरेन्द्र): प्रदेश सरकार द्वारा बजट में प्रस्तावित शगुन योजना का लाभ स्वर्ण बच्चियों को न मिलने का अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने विरोध किया है। महासभा ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि स्वर्ण बच्चियों को इससे क्यों वंचित रखा जा रहा है? क्या सरकार कारण बता सकती है कि क्या हिमाचल में स्वर्ण होना पाप है? जब बेटी अनमोल रतन है तो फिर बेटियों को शगुन के नाम पर जातिवाद की भेंट क्यों चढ़ाया जा रहा है? मुख्यमंत्री इस पर अपना स्पष्टीकरण रखें। यहां जारी बयान में महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भूपिंद्र ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा एस.सी./एस.टी, ओ.बी.सी. व बी.पी.एल. बेटियों को शादी समारोह में 31000 का शगुन दे रही है जिसका महासभा स्वागत करती है लेकिन बाकी निर्धन कन्याओं को इस सुविधा से वंचित क्यों रखा जा रहा है। क्या सरकार इस योजना के माध्यम से जातिवाद फैलाने का काम नहीं कर रही है?

ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में 60 फीसदी स्वर्ण लोगों की जनसंख्या है क्या स्वर्ण हिमाचल की किसी भी लाभकारी योजना में अधिकार नहीं रखते? मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री भी स्वर्ण कास्ट से हैं और आए दिन विपक्ष के नेता किसी ना किसी बात पर विधानसभा में सरकार के ऊपर आरोप प्रत्यारोप करते रहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा 31000 की शगुन योजना जातिगत तौर पर पेश किया और नेता विपक्ष ने इसका विरोध तक नहीं किया? भूपिंद्र ठाकुर ने सवाल किया कि क्या स्वर्ण विदेशी है? जिनको देश की और प्रदेश की हर एक लाभकारी योजना से वंचित रखा जाता है। महासभा की स्वर्ण वर्ग को भी उनके हक दिए जाएं और यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो मजबूरन महासभा को विरोध करने के लिए सडक़ों पर आना पड़ेगा। यह योजना तुरंत सभी जातियों की बेटियों के लिए लागू करनी चाहिए।

Surinder Kumar

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