हिमाचल में संतों के निष्क्रियता से नष्ट होने के कगार पर सनातन समाज: यति सत्यदेवानन्द

punjabkesari.in Saturday, Jun 04, 2022 - 01:39 PM (IST)

ऊना (विशाल स्याल): अखिल भारतीय संत परिषद के हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा के प्रभारी यति सत्यदेवानन्द सरस्वती महाराज जी ने यहां जारी बयान में कहा है कि हिमाचल प्रदेश की स्थिति भारत के बाकी राज्यों की तरह दयनीय हो गई है। हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में सनातन धर्मालंबी के धर्म गुरुओं के निष्क्रियता के कारण पहाड़ी क्षेत्र सनानत विहीन होते जा रहे हैं जबकि हिमाचल में धारा 118 के तहत कोई भी बाहर से राज्य के बाहर का नागरिक यहां पर स्थाई निवासी नहीं बन सकता कोई भी बाहर का व्यक्ति यहां पर जमीन नहीं खरीद सकता लेकिन फिर भी चंबा का जो प्रवास रहा है उसमें देखा गया है कि वहां पर जो जम्मू कश्मीर के लोग बॉर्डर पार आकर बसे हुए ही नहीं बल्कि वहां के स्थाई निवासी बने हुए हैं।

राज्य के जो सीमावर्ती क्षेत्र है वहां पर दूसरे राज्यों के से लोग आकर वहां के स्थाई निवासी बने हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां पर नेपाल बांग्लादेश भारत के अलग-अलग राज्यों से आकर वहां पर उनके संप्रदाय विशेष के लोगों को बरगला रही हैं तथा उनमें कट्टरता भर रहै है। उन्होंने आगे कहा कि जिसको देव की नगरी कहा जाता है और जिनको देवताओं की संतान कहा जाता है उस राज्य में वहां के लोग अपने सनातन धर्म के बारे में जानते तक नहीं है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Surinder Kumar

Recommended News

Related News