कोविड अस्पतालों को बंद करने की भेजी प्रपोजल, क्षेत्रीय अस्पताल में 6 तो सिविल अस्पतालों में होंगे 2-2 बैड रिजर्व

punjabkesari.in Monday, Sep 26, 2022 - 12:05 PM (IST)

ऊना(विशाल स्याल): जिला में चल रहे सभी कोविड अस्पतालों को बंद किया जाने लगा है। यहां तैनात स्टाफ को अस्पतालों में लगाया गया है वहीं यहां से बैडस, वैंटीलेटरर्ज और फर्नीचर सहित अन्य सामान को भी अस्पतालों में शिफ्ट करने की तैयारी हो चुकी है। पिछले लम्बे अर्से से इन अस्पतालों में कोई कोरोना संक्रमित मरीज न आने के चलते यह कदम स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने आला अधिकारियों को प्रपोजल भेजी है और इन अस्पतालों को बंद करने की संतुति की है। अब उच्च स्तर से अनुमति मिलते ही कोविड़ अस्पतालों के भवनों को खाली कर दिया जाएगा। फिलहाल यहां पूरा सामान पैक कर लिया गया है और बैड्स सहित अन्य सामान को शिफ्ट करने के लिए अनुमति का इंतजार किया जा रहा है।
ऑक्सीजन प्लांट शिफ्ट करने को होगी जद्दोजहद
मौजूदा समय में पालकवाह में मेक शिफ्ट अस्पताल चल रहा है जिसमें 101 बैडस मौजूद हैं। यहां स्टाफ भी तैनात किया गया था और ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया गया था व इन सभी 101 बैड्स पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। यहां लाखों रुपए खर्च करके 500 आई.पी.एम. का पी.एस.ए. प्लांट लगाया गया था और यहां 9 वैंटीलेटर्ज की व्यवस्था भी रखी गई थी जिससे कि कोरोना के चलते मरीजों की हालत खराब होने पर उन्हें वैंटीलेटर और ऑक्सीजन की तुरंत सुविधा दी जा सके। अब इस अस्पताल के बंद होने से यहां लगाए ऑक्सीजन प्लांट को शिफ्ट करने के लिए विभाग को जद्दोजहद करनी पड़ेगी।
हरोली अस्पताल में हुआ जिला व प्रदेश के मरीजों का उपचार
कोरोनाकाल में पहले सिविल अस्पताल हरोली के पूरे भवन को कोविड अस्पताल का दर्जा दिया गया था और यहां से बी.एम.ओ. कार्यालय को पालकवाह पी.एच.सी. में शिफ्ट कर दिया गया था। लम्बे अर्से तक इस अस्पताल में कोरोना संक्रमित रोगियों का उपचार किया जाता रहा। यहां 50 बिस्तर लगाए गए थे और 500 आई.पी.एम. का ऑक्सीजन प्लांट भी लगाकर व्यवस्था की गई थी। वहीं, 7 वैंटीलेटर भी यहां रखे गए थे। इस अस्पताल में न केवल जिला के कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार किया गया वहीं प्रदेश के अन्य जिलों के मरीजों को भी इस अस्पताल में शिफ्ट किया गया। इस अस्पताल में लगभग 1200 मरीजों का उपचार किया गया था। इसी दौरान खड्ड गांव में भी कोविड़ अस्पताल शुरू किया गया जहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों को रखा गया और उनको उपचार देकर समय पूरा करने पर घरों को रवाना किया गया। यहां भी सैकड़ो मरीजों का उपचार किया गया।
पंडोगा में लगाए 135 बैड, एक भी मरीज नहीं आया
वहीं, इंडस्ट्रीयल एरिया पंडोगा में भी कोविड अस्पताल बनाया गया और यहां 135 बैड्स की व्यवस्था भी की गई। यहां मैनीफोल्ड ऑक्सीजन सहित अन्य सुविधाओं को भी जुटाया गया ताकि यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा सके लेकिन यहां एक भी मरीज एडमिट नहीं किया गया क्योंकि इसकी स्थापना के बाद से कोरोना संक्रमण की दर कम हो गई थी। इसी तरह बाथु में भी कोविड अस्पताल बनाने की कवायद तेज कर दी गई थी और यहां ऑक्सीजन पाइपलाइन भी बिछा दी गई थी। वहीं धुसाड़ा के अस्पताल को भी इसी तरह कोविड अस्पताल बनाने की कवायद भी की गई थी। 
मरीज न आने के चलते बंद किया जा रहा पालकवाह अस्पताल
कोरोना संक्रमण की दर कम होने के बाद सभी अस्पतालों से कोविड़ संक्रमित मरीजों को न रखकर सिर्फ एक मेक शिफ्ट अस्पताल पालकवाह को संचालित रखा गया था। इस अस्पताल में जिला भी से आने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को रखा जाता था। सिविल अस्पताल हरोली को भी आम लोगों के लिए खोल दिया गया था और यहां पहले की तरह ओ.पी.डी. सुविधा शुरू कर दी गई थी जिससे हरोली विधानसभा क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ मिलना शुरू हो गया था। पिछले काफी अर्से से मेक शिफ्ट अस्पताल पालकवाह में कोई मरीज न आने के चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसको अब बंद करने का निर्णय लिया है।
सरकारी कमेटी करेगी सामान का डिस्ट्रीब्यूशन
इन कोविड अस्पतालों को बंद करके यहां रखे बैडस, ऑक्सीजन, वैंटीलेटर्ज, फर्निचर सहित अन्य सामान को सभी अस्पताल में वितरित किया जाएगा। इसके वितरण के लिए डी.सी. ऊना राघव शर्मा द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें सी.एम.ओ., बी.एम.ओज, एस.डी.एम. और तकनीकी अधिकारी शामिल है। यह कमेटी बंद किए जा रहे कोविड अस्पतालों के सामान को जिला भर के सरकारी अस्पतालों को वितरित करेगी। वहीं पालकवाह के ऑक्सीजन प्लांट को कहां शिफ्ट करना है और बाथू में बिछाई ऑक्सीजन पाइपलाइन का क्या करना है इस पर भी यही कमेटी निर्णय लेगी।
आर.एच. में 6 और सिविल अस्पतालों में होंगे 2-2 बैड रिजर्व
जिला में कोरोना संक्रमण के दौरान पालकवाह में ही आर.टी.पी.सी.आर. टैस्ट करने के लिए अत्याधुनिक लैब स्थापित की गई थी जोकि यथावत कार्य करती रहेगी। वहीं, अब कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने पर अस्पतालों में भी उनके उपचार को लेकर व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में 6 बैड और सभी सिविल अस्पतालों में 2-2 बैड कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व रहेंगे।
कोरोनाकाल में विभाग ने किया बेहतरीन कार्य
प्रपोजल को अनुमति मिलने के बाद हटाया जाएगा सामान: सी.एम.ओ.
सी.एम.ओ. डा. मंजू बहल ने बताया कि कोविड अस्पतालों को डी-नोटिफाई करने की प्रपोजल भेजी गई है और अनुमति मिलने के बाद इन अस्पतालों से सारा सामान और स्टाफ पूरी तरह से हटा लिया जाएगा। यहां रखे सामान और अन्य सुविधाओं को लेकर डी.सी. ऊना द्वारा बनाई कमेटी निर्णय लेगी। अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बैड रिजर्व रखे जाएंगे ताकि उन्हें इलाज मिलता रहे।


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News Editor

Surinder Kumar

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