दया व बौद्धिकता दोनों का एक साथ अभ्यास करना बताती हैं बुद्ध की शिक्षाएं: दलाईलामा

punjabkesari.in Saturday, May 06, 2023 - 02:52 PM (IST)

धर्मशाला (ब्यूरो): मैक्लोडगंज स्थित दलाईलामा मंदिर में भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने शुक्रवार को अपना 25वां स्थापना दिवस एवं रजत जयंती समारोह तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की उपस्थिति में आयोजित किया। समारोह में बी.टी.एस.एम. के संरक्षक और संस्थापक इंद्रेश कुमार, सांसद किशन कपूर आदि अन्य गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।

सभा को संबोधित करते हुए तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण के शुभ अवसर पर दुनिया भर में बसे बौद्ध अनुयायियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बुद्ध की शिक्षाओं के केंद्र में दया और बौद्धिकता दोनों का ही एक साथ अभ्यास जरूरी बताया गया है।

निर्वाण प्राप्ति के लिए परोपकार की भावना यानी बोद्धिचित्त का अभ्यास ही महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं का सार है। उन्होंने कहा कि जितना अधिक हम दूसरों की भलाई के प्रति संवेदनशील होंगे, उतना अधिक ही दूसरे हमारे लिए प्रिय बनेंगे। इस दौरान बी.टी.एस.एम. के संरक्षक और संस्थापक इंद्रेश कुमार ने कहा कि हमें ङ्क्षहसा नहीं अङ्क्षहसा परमो मैत्री की स्थापना करना आवश्यक है।


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rajesh kumar

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