भारत कर रहा पर्यावरणीय क्षरण का सामना

Tuesday, Jun 09, 2015 - 11:33 PM (IST)

शिमला: भारत के उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि हम एक एेसे अत्यधिक गतिशील, मानवीय प्रभुत्व वाले पृथ्वी तंत्र में रहते हैं जिसमें आकस्मिक और अपरिवर्तनीय पर्यावरणीय परिवर्तन बड़ी जल्दी हो रहे हैं। पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करने वाली मानव गतिविधियों के इस विशिष्ट काल- ''एन्थ्रोपोसीन'' युग, जो एक नया भूगर्भीय युग है "जब मानव व्यवहार पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र को जबरदस्त रूप से परिवर्तित कर देता है, में स्थायित्व के लिए शासन की यह अपेक्षा है कि हमारे कार्यकलापों के उद्देश्य, उनमें अंतर्निहित मूल्यों और प्रतिमानों के साथ-साथ ज्ञान की पद्धतियों और शक्ति-संरचनाआें को पुन: परिभाषित किया जाए"।

उपराष्ट्रपति मोहम्मद हासिद अंसारी मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 22वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व का 2.4 प्रतिशत भू-भाग भारत में है जबकि विश्व की 16 प्रतिशत आबादी यहां रहती है। इसका मिश्रित परिणाम यह है कि कई पीढिय़ों से यहां के प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग हो रहा है। वर्तमान में भारत भयावह दर पर हो रहे तीव्र तथा व्यापक पर्यावरणीय क्षरण का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय परिवर्तन और जोखिमों का प्रभाव उन पर सबसे अधिक होता है जो उसके सबसे करीब होते हैं। उनकी आजीविका, आवास और जीवनाधार-वस्तुत: उनका पूरा अस्तित्व, उस पर्यावरण से जुड़ा हुआ है जिसमें वे रहते हैं। यद्यपि वे सभी जो इन संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र में रहते हैं, उनका जीवन खतरे में है। किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित पर्यावरणीय जोखिम से सर्वाधिक खतरा समाज के कमजोर वर्गों को है।

उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि हमारे दौर की विशेषता है कि हम मानव निर्मित पर्यावरणीय समस्याआें, उनके प्रभाव और उनके समाधान के लिए अपनाए जाने वाले विकल्पों के बारे में जागरूक हैं। उन्होंने कहा कि देश में 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायती राज संस्थाआें को मजबूत बनाया जाना और इन्हें 11वीं अनुसूची में उल्लेखित पर्यावरणीय प्रबंधन से संबंधित 29 विषयों के संबंध में पहल और कार्रवाई के लिए माध्यम बनाया जाना स्थानीय स्तर पर इन मामलों में निर्णय प्रक्रिया में जनता की भागीदारी में बढ़ौतरी करने के संकल्प का परिचायक है। इससे निर्णयों की गुणवत्ता और कार्यान्वयन में सुधार होगा।

''चिपको'' आंदोलन सर्वाधिक महत्वपूर्ण
उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि पर्यावरण को लेकर पूरे विश्वभर में विरोध चल रहा है जिसमें पेड़ों की कटाई और वनों की कटाई को रोकने के लिए आरंभ किया गया ''चिपको'' आंदोलन सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, जो पड़ोसी राज्य ''उत्तराखंड'' में शुरू हुआ था।

मुख्यमंत्री ने की उपराष्ट्रपति से भेंट
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को दिल्ली से लौटने पर यहां राजभवन में उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी से भेंट की। पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह भी इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित रहीं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। यह एक शिष्टाचार भेंट थी। नगर निगम शिमला के मेयर संजय चौहान और डिप्टी मेयर ने भी राजभवन पहुंच कर उपराष्ट्रपति से भेंट की।

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