फर्जी दस्तावेज बनाकर बदल डाला वारिस

Thursday, Jun 04, 2015 - 07:02 PM (IST)

रिकांगपिओ: किन्नौर जिला की ग्राम पंचायत खवांगी में फर्जी दस्तावेज बनाकर मृत औरत की 1 लाख 6 हजार रुपए की राशि को उसके वारिस पुत्र को जारी न कर बहू को जारी करने का मामला सामने आया है। इस मामले का पर्दाफाश आरटीआई के तहत हुआ। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार दस्तावेजों में यह दिखाया गया है कि मृतक महिला का कोई वारिस नहीं है। इसकी शिकायत मृतक महिला के वारिस पुत्र ने जिलाधीश किन्नौर से की है।

खवांगी निवासी भीषम सिंह ने जिलाधीश को दिए शिकायत पत्र में बताया है कि उसकी माता स्व. गंगा देवी के नाम स्थानीय क्षेत्र विकास समिति के पास 1 लाख 6 हजार रुपए की राशि जमा थी तथा उनकी मृत्यु के बाद उक्त राशि उसे मिलनी थी परन्तु स्थानीय पंचायत प्रधान व कान्ता देवी ने मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाकर यह दिखा दिया कि स्व. गंगा देवी का कोई वारिस नहीं है तथा उसकी राशि की वारिस उसकी बहू कान्ता देवी है जिस पर स्व. गंगा देवी के नाम जमा उक्त राशि को असली वारिस उसके पुत्र भीषम को जारी न करके उसकी बहू कान्ता देवी को कर दिया जबकि उक्त स्व. गंगा देवी का पुत्र भीषम उक्त राशि का असली वारिस है।

भीषम ने बताया कि जब उसने सदस्य सचिव स्थानीय क्षेत्र विकास समिति एवं उपमंडलाधिकारी कल्पा से सूचना के अधिकार के माध्यम से जानकारी मांगी तो उसने पाया कि 7 सितम्बर, 2014 को हुई ग्र्राम सभा की बैठक को आधार बना कर फर्जी प्रस्ताव नकल तैयार की गई है परन्तु जब सूचना के अधिकार के माध्यम से ग्राम पंचायत खवांगी से 7 सितम्बर, 2014 को हुई ग्राम सभा बैठक में पारित प्रस्ताव की नकल मांगी तो पाया कि उक्त दिनांक की ग्राम सभा की बैठक गणपूर्ति के अभाव में स्थगित कर दी गई थी तथा कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई थी।

भीषम सिंह ने कहा कि सदस्य सचिव स्थानीय क्षेत्र विकास समिति एवं उपमंडलाधिकारी कल्पा ने भी नजरअंदाज करते हुए फर्जी दस्तावेज व प्रस्ताव को आधार मानकर प्रथम राशि (93,500)का चैक 15 सितम्बर, 2014 व दूसरी राशि (12,500) का चैक 6 जनवरी, 2015 को कान्ता देवी को जारी कर दिया। इस बारे में जिलाधीश एनके लट्ठ ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद इस मामले की छानबीन के लिए एसडीएम कल्पा को आदेश दे दिए गए हैं। यदि छानबीन करने पर मामला सही निकलता है तो दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

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